क्या अखिलेश यादव ने दीपावली पर विवादित टिप्पणी की?

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क्या अखिलेश यादव ने दीपावली पर विवादित टिप्पणी की?

सारांश

आइए जानते हैं कि कैसे अखिलेश यादव की दीपावली पर की गई विवादित टिप्पणी ने राजनीतिक दलों को आमने-सामने ला दिया है। क्या यह बयान उनके खिलाफ और अधिक राजनीतिक प्रतिक्रिया को जन्म देगा?

Key Takeaways

  • अखिलेश यादव की टिप्पणी ने राजनीतिक माहौल में हलचल पैदा की है।
  • कृष्णा हेगड़े का जवाब समाजवादी पार्टी की संस्कृति के प्रति सख्त था।
  • सभी राजनीतिक दलों को सांस्कृतिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखना चाहिए।

मुंबई, 19 अक्‍टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दीपावली को लेकर एक विवादित बयान दिया है, जिसने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है। उन्होंने दीपावली की तुलना क्रिसमस से करते हुए कहा कि 'इतने दीये जलाने की क्या आवश्यकता है, हमें क्रिसमस से सीखना चाहिए।' इस पर भाजपा और शिवसेना सहित कई राजनीतिक दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने अखिलेश यादव पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी और इसके नेता हमेशा से सनातन और हिंदू परंपराओं के खिलाफ रहे हैं। राम मंदिर आंदोलन के दौरान समाजवादी पार्टी ने कारसेवकों का विरोध किया था, जिसे आज भी देश याद करता है।

हेगड़े ने कहा कि एनडीए का समर्थन करने वाले लोग सनातन संस्कृति का सम्मान करते हैं, जबकि अखिलेश यादव जैसे नेता इसे नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं।

हेगड़े ने तंज करते हुए कहा कि अखिलेश यादव अब दीपावली को क्रिसमस के साथ जोड़ रहे हैं, जिसे वे उनकी 'मानसिक सुधार प्रक्रिया' का एक हिस्सा मानते हैं। भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें ताकि वे सनातन और हिंदू आस्था का सम्मान करना सीखें।

कृष्णा हेगड़े ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जब कांग्रेस को लोकसभा में 99 सीटें मिलीं या वह तेलंगाना, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में जीती, तब उसने कभी चुनाव प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाए। लेकिन जैसे ही एनडीए गठबंधन पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पंजाब या अन्य राज्यों में बेहतर प्रदर्शन करता है, कांग्रेस को चुनाव में गड़बड़ी दिखाई देने लगती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब हार को स्वीकार करने के बजाय केवल बहाने ढूंढती है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि आज बिहार में कांग्रेस का कोई अस्तित्व नहीं बचा है और जनता ने उसे पूरी तरह नकार दिया है।

शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने कहा कि भारत में सभी धर्मों के लोग हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई अमन, शांति और भाईचारे के साथ रहते हैं। मतदान के समय लोगों को उसी पार्टी को वोट देना चाहिए जिसने उनके लिए काम किया हो।

हेगड़े ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना ने हमेशा मुस्लिम समाज के विकास के लिए काम किया है, और अगर इसके बावजूद उन्हें उस समुदाय का समर्थन नहीं मिल रहा है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संभवतः यही कारण है कि गिरिराज सिंह ने ऐसा बयान दिया होगा।

वहीं, हेगड़े ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता संदीप देशपांडे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि संदीप देशपांडे का यह दावा कि महाराष्ट्र के मतदाता उनके साथ हैं, सही नहीं है। उन्होंने बताया कि पिछले चुनावों में महाराष्ट्र के वोट कई दलों में बंटे थे। हेगड़े ने कहा कि पिछली बार शिंदे गुट की शिवसेना को 17 प्रतिशत मराठी वोट मिले थे क्योंकि वह बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा, हिंदुत्व और सनातन के सिद्धांतों पर चल रही है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मराठी मानुष के हित में लगातार काम कर रही है, जो न तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने किया और न ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने।

Point of View

बल्कि यह उनके समर्थकों के बीच भी चर्चाओं का विषय बन गया है। हमें यह समझना होगा कि हर शब्द का वजन होता है, विशेषकर जब वह धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भ में होता है।
NationPress
19/10/2025

Frequently Asked Questions

अखिलेश यादव ने दीपावली पर क्या कहा?
अखिलेश यादव ने दीपावली की तुलना क्रिसमस से की और कहा कि 'इतने दीये जलाने की क्या जरूरत है, हमें क्रिसमस से सीखना चाहिए।'
कृष्णा हेगड़े ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी?
कृष्णा हेगड़े ने अखिलेश यादव की टिप्पणी को तीखा प्रहार करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा सनातन परंपराओं के विरोध में रही है।
कांग्रेस का क्या कहना है?
कृष्णा हेगड़े ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह हार मानने के बजाय बहाने ढूंढ रही है, खासकर महाराष्ट्र में।