क्या अलीगढ़ विधानसभा में 2003 की वोटर लिस्ट से ही हो एसआईआर?
सारांश
Key Takeaways
- 2003 की मतदाता सूची का अभाव
- लोकतंत्र की पारदर्शिता की सुरक्षा
- मतदाता अधिकारों की रक्षा
- निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी
- सपा की त्वरित कार्रवाई की मांग
लखनऊ, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी ने 76-अलीगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 2003 की मतदाता सूची के अभाव में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है। पार्टी ने इसे तुरंत रोके जाने की मांग की है।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश को ज्ञापन सौंपकर कहा कि आयोग के नियमों के अनुसार केवल 2003 की मतदाता सूची के आधार पर ही एसआईआर कराई जानी चाहिए। अगर यह सूची उपलब्ध नहीं है, तो प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए, ताकि बड़ी संख्या में वैध मतदाताओं के नाम सूची से हटने से बच सकें और लोकतंत्र की पारदर्शिता बनी रहे।
ज्ञापन में कहा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश की सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों के 1 लाख 62 हजार 486 मतदान केंद्रों पर 4 नवंबर से एसआईआर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत बीएलओ घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित कर रहे हैं, लेकिन अलीगढ़ जिले की 76-अलीगढ़ विधानसभा के 383 पोलिंग स्टेशनों के लिए 2003 की मतदाता सूची निर्वाचन आयोग की वेबसाइट, जिला निर्वाचन कार्यालय या बीएलओ के पास उपलब्ध नहीं है।
सपा ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने 2003 के स्थान पर 2002 की मतदाता सूची से एसआईआर प्रक्रिया शुरू कराई है, जबकि करीब 150 पोलिंग स्टेशनों पर 2002 की सूची भी उपलब्ध नहीं है। इससे वैध मतदाताओं के नाम हटने का खतरा है, जो लोकतंत्र के लिए गंभीर स्थिति है और निर्वाचन आयोग के निर्देशों का उल्लंघन भी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी को यह ज्ञापन सपा नेता केके श्रीवास्तव, डॉ. हरिश्चंद्र, और राधेश्याम सिंह ने सौंपा। पार्टी ने मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया की निष्पक्षता और विश्वसनीयता बनाए रखना आयोग की प्राथमिक जिम्मेदारी है।