क्या इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल में मस्जिद और 80 मकानों पर बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाई?

सारांश
Key Takeaways
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद और मकानों पर कार्रवाई पर रोक लगाई।
- प्रशासन ने अवैध निर्माण की नोटिस जारी की थी।
- लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
- कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिया।
- याचिकाकर्ताओं को चार हफ्ते में आवेदन देने का निर्देश दिया।
प्रयागराज, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के संभल में तालाब की भूमि पर स्थित मस्जिद और 80 मकानों को नोटिस दिए जाने के संदर्भ में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रशासनिक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। अब संभल में तालाब की भूमि पर बनी संरचना के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।
संभल के थाना रायसत्ती क्षेत्र के मोहल्ला हातिम सराय में अवैध निर्माण के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस आदेश के बाद लोगों में खुशी का माहौल है। तहसीलदार के नोटिस को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसके बाद महमूद आलम और 18 अन्य लोगों की याचिका पर यह आदेश पारित किया गया।
प्रशासन ने तालाब की भूमि पर अवैध निर्माण का नोटिस देकर सभी के मकानों पर लाल निशान लगाए थे। याचिकाकर्ताओं के मकान को तालाब की जमीन पर बने होने के कारण अवैध करार देकर नोटिस जारी किया गया था।
प्रशासन ने पहले सभी मकानों पर लाल निशान लगाकर नोटिस जारी किया था और 15 दिन के भीतर जवाब मांगा था। साथ ही अवैध निर्माण हटाने के निर्देश भी दिए थे। इस दौरान प्रशासन ने लगभग 40 मकानों को अवैध चिह्नित किया था।
प्रशासन ने सभी संबंधित पक्षों से 15 दिनों के भीतर संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ध्वस्त करने की कार्रवाई की बात कही थी। इसके पश्चात लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर अधिवक्ता राकेश पांडे, अधिवक्ता इरशाद अहमद और अयूब खान ने अपना पक्ष रखा। याचिकाकर्ता का यह आरोप है कि प्रशासन ने तहसील रिकॉर्ड की जांच किए बिना कार्रवाई शुरू की है। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को चार हफ्तों के भीतर तहसीलदार के पास आवेदन देने के लिए कहा है।