क्या अमित शाह ने यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए महत्वपूर्ण बैठक की?

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क्या अमित शाह ने यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए महत्वपूर्ण बैठक की?

सारांश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यमुना नदी की सफाई के लिए महत्वपूर्ण बैठक की। इसमें विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में यमुना के पुनरुद्धार की रणनीतियों पर चर्चा की गई।

Key Takeaways

  • यमुना नदी की सफाई के लिए सभी राज्यों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
  • डीपीसीसी को जल प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सक्रिय रहना चाहिए।
  • सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता को 2028 तक 1500 एमजीडी करने का लक्ष्य।
  • दिल्ली में जल आपूर्ति की विस्तृत जांच करने की आवश्यकता है।
  • बोरवेल के अनियंत्रित जल निकासी पर काबू पाने के लिए योजना बनानी चाहिए।

नई दिल्ली, ११ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में यमुना पुनरुद्धार पर एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय गृह सचिव, सचिव और संबंधित मंत्रालयों एवं दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में अमित शाह ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक्शन मोड में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को औद्योगिक इकाइयों से बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए निरंतर और प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों से भी रसायनों का कचरा यमुना नदी में आ रहा है, इसलिए सभी राज्यों को मिलकर यमुना की सफाई के लिए प्रयास करना चाहिए।

केंद्रीय गृह मंत्री ने नजफगढ़ और शाहदरा के मुख्य नालों में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) में सुधार के लिए एक्शन मोड पर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के इन दो मुख्य नालों का ड्रोन सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। साथ ही, नदियों की सफाई के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) का बजट बढ़ाने की आवश्यकता है।

अमित शाह ने यमुना की सफाई के साथ-साथ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की क्षमता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने २०२८ तक एसटीपी की क्षमता को १,५०० एमजीडी करने का निर्देश दिया। उन्होंने तीनों राज्यों, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से यमुना के पुनरुद्धार के लिए एकजुटता से कार्य करने और एसटीपी से निकलने वाले पानी की जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की बात कही।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली में कई जलाशय हैं जिनमें वर्षा जल संचयन की व्यवस्था होनी चाहिए। इन जलाशयों के विकास से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली सरकार को डेयरियों और गौशालाओं से निकलने वाले कचरे के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ मिलकर कार्य करना चाहिए।

उन्होंने यमुना में ई-फ्लो बढ़ाने पर भी जोर दिया और कहा कि इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार से बातचीत कर समाधान निकालने की आवश्यकता है ताकि यमुना का प्रवाह बेहतर हो सके। ओखला एसटीपी के उपचारित पानी को यमुना के बहाव में छोड़ा जाना चाहिए जिससे नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में जल आपूर्ति के संबंध में एक विस्तृत सर्वेक्षण किया जाना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि दिल्ली में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जरूरतों के लिए कितने पानी की आवश्यकता है। बोरवेल के जरिए अनियंत्रित जल निकासी दिल्ली में एक बड़ी समस्या है, जिस पर दिल्ली जल बोर्ड को कार्ययोजना बनाकर काम करने की जरूरत है। इन बोरवेल को चरणबद्ध तरीके से नियमित किया जाना चाहिए।

Point of View

NationPress
10/09/2025

Frequently Asked Questions

यमुना नदी की सफाई के लिए कौन-कौन से मंत्री शामिल थे?
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल, जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शामिल थे।
बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा की गई?
बैठक में यमुना नदी की सफाई, प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय, और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने पर चर्चा की गई।
क्या दिल्ली सरकार को कोई नया निर्देश मिला?
जी हां, दिल्ली सरकार को औद्योगिक प्रदूषण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने और जलाशयों के विकास पर ध्यान देने का निर्देश दिया गया।