क्या आपकी कमी हमेशा खलेगी? दादी की पुण्यतिथि पर आम्रपाली दुबे हुईं भावुक

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क्या आपकी कमी हमेशा खलेगी? दादी की पुण्यतिथि पर आम्रपाली दुबे हुईं भावुक

सारांश

आम्रपाली दुबे ने अपनी दादी के निधन की वर्षगांठ पर एक भावुक पोस्ट साझा किया है, जिसमें उन्होंने याद किया कि कैसे दादी ने उन्हें भोजपुरी सिनेमा में कदम रखने के लिए प्रेरित किया। यह कहानी न केवल एक कलाकार की भावनाओं को दर्शाती है, बल्कि परिवार के प्यार और समर्थन की भी एक मिसाल है।

Key Takeaways

  • दादी का प्यार और समर्थन हमेशा प्रेरणा का स्रोत होता है।
  • परिवार के मूल्य और रिश्तों का महत्व आज भी कायम है।
  • किसी भी कलाकार के लिए प्रेरणा उनके परिवार से मिलती है।

मुंबई, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भोजपुरी सिनेमा की प्रतिभाशाली अदाकारा आम्रपाली दुबे अपनी खूबसूरती और प्रतिभा से सभी का दिल जीत चुकी हैं।

आम्रपाली दुबे अपने सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन की झलकियाँ साझा करती हैं। हाल ही में, उन्होंने अपनी प्रिय दादी को याद करते हुए एक भावुक पोस्ट साझा किया है, जिनका 7 दिसंबर को निधन हुआ था।

आम्रपाली ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें वह अपनी दादी मां के साथ नजर आ रही हैं। वीडियो में वह कभी दादी के साथ पोज देती हैं और कभी उनके गालों पर चुम्बन करती हैं। इस वीडियो से स्पष्ट है कि दोनों के बीच एक गहरा रिश्ता था। उन्होंने वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा, "अभी दो साल हुए हैं और मुझे आपके वीडियो और फ़ोटोज की कमी खल रही है। आपकी कमी हमेशा खलेगी, लेकिन यह सोचकर सुकून मिलता है कि आप भगवान श्री राम के चरणों में हैं। आपने जीवनभर भगवान राम का नाम लिया और हमने भी आपसे यही सीखा है।"

आम्रपाली ने दादी के निधन की तारीख भी साझा की है। 7 दिसंबर 2023 को उनका निधन हुआ था। एक्ट्रेस के पोस्ट पर यूजर्स भी ओम शांति और जय श्री राम लिख रहे हैं।

कम ही लोग जानते हैं कि आम्रपाली दुबे ने अपनी दादी की प्रेरणा से भोजपुरी सिनेमा में कदम रखा। उन्होंने पहले 'रहना है तेरी पलकों की छांव में' से टीवी पर डेब्यू किया था, जिसे दर्शकों का अपार प्यार मिला। इससे पहले वह 'सात फेरे - सलोनी का सफर' में छोटे से रोल में नजर आई थीं। उस समय की शूटिंग 14 घंटे तक चलती थी और उनकी दादी ने कहा था कि इतनी मेहनत के बाद उनकी पोती टीवी पर नजर नहीं आती।

आम्रपाली की दादी भोजपुरी फिल्मों की शौकीन थीं, जो भक्ति से भरी फिल्में देखती थीं और चाहती थीं कि आम्रपाली भी ऐसा ही करें। उन्होंने आम्रपाली से इच्छा जताई थी कि वह टीवी छोड़कर भोजपुरी सिनेमा में कदम बढ़ाएं। जब 2014 में उन्हें निरहुआ के साथ 'निरहुआ हिंदुस्तानी' करने का मौका मिला, तो दादी के लिए उन्होंने फिल्म करने का निर्णय लिया।

Point of View

जो आज के समय में भी महत्वपूर्ण हैं। परिवार और रिश्तों का समर्थन हर कलाकार के लिए प्रेरणादायक होता है। इस प्रकार की कहानियाँ समाज में एक सकारात्मक संदेश फैलाती हैं।
NationPress
07/12/2025

Frequently Asked Questions

आम्रपाली दुबे की दादी का निधन कब हुआ?
आम्रपाली दुबे की दादी का निधन 7 दिसंबर 2023 को हुआ।
आम्रपाली ने अपने करियर की शुरुआत कब की?
आम्रपाली ने अपनी करियर की शुरुआत 'रहना है तेरी पलकों की छांव में' से की।
आम्रपाली की दादी ने उन्हें क्या सलाह दी थी?
आम्रपाली की दादी ने उन्हें भोजपुरी सिनेमा में कदम रखने के लिए प्रेरित किया था।
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