क्या अमृतसर में पूरन कुमार सुसाइड मामले में आप का कैंडल मार्च भेदभाव को उजागर करता है?

सारांश
Key Takeaways
- वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या ने भेदभाव के मुद्दे को उजागर किया।
- कैंडल मार्च ने न्याय की मांग को मजबूत किया।
- पंजाब सरकार ने पूरन कुमार के परिवार को सहायता का आश्वासन दिया।
- इस मामले को सामाजिक न्याय की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है।
- हरियाणा की भाजपा सरकार पर जातिगत भेदभाव का आरोप।
अमृतसर, १२ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के प्रमुख आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के आत्महत्या मामले में न्याय की गुहार लगाने के लिए रविवार को आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने अमृतसर में कैंडल मार्च निकाला।
इस अवसर पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और पूरन कुमार को श्रद्धांजलि दी। इस मार्च में बड़ी संख्या में आप कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी शामिल हुए, जिन्होंने वाई. पूरन कुमार के परिवार को न्याय दिलाने की मांग की।
हरभजन सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार वाई. पूरन कुमार के परिवार के साथ खड़ी है और उनकी सभी मांगों को शीघ्र पूरा किया जाएगा।
उन्होंने हरियाणा की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वाई. पूरन कुमार जैसे ईमानदार और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के साथ जातिगत भेदभाव किया गया, जो अत्यंत निंदनीय है।
सीएम भगवंत मान समेत कई मंत्री वाई. पूरन कुमार के परिवार से मिल चुके हैं और हरसंभव सहायता की जा रही है। यदि आवश्यकता पड़ी, तो यह लड़ाई अदालतों से लेकर सड़कों तक लड़ी जाएगी। हम वाई. पूरन कुमार के परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह मामला सामाजिक न्याय और समानता की लड़ाई का प्रतीक है। जब तक वाई. पूरन कुमार के परिवार को पूर्ण न्याय नहीं मिलता, उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
कैंडल मार्च के दौरान आप कार्यकर्ताओं और वालंटियरों ने मोमबत्तियां जलाकर वाई. पूरन कुमार को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान 'वाई. पूरन कुमार को न्याय मिले' और 'भेदभाव बंद करो' जैसे नारे गूंजे।