क्या वंदे मातरम पर हो रही चर्चा में आनंद दुबे का कहना है कि पीएम मोदी के देशहित के फैसले से सभी एकजुट होंगे?
सारांश
Key Takeaways
- वंदे मातरम का महत्व और गर्व
- चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताएं
- सरकार की जिम्मेदारी और कार्रवाई
- एकता और समानता का महत्व
- विपक्ष का भूमिका और जांच की आवश्यकता
मुंबई, ८ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वंदे मातरम की १५०वीं वर्षगांठ पर संसद में चल रही चर्चा के बीच शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि यदि पीएम मोदी देशहित में निर्णय लेते हैं, तो देशवासी एकजुट होकर उनके साथ रहेंगे।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में आनंद दुबे ने बताया कि वंदे मातरम गीत पर हमें गर्व है, यह देशवासियों की आत्मा है। यह गीत हमारी आन-बान-शान है और शहीदों ने इसे गाते हुए बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि इस महत्व के विषय पर चर्चा होनी चाहिए और देश इसके सम्मान में एकजुट है।
यदि सरकार को लगता है कि गीत में कुछ सुधार की आवश्यकता है, तो इसे सत्ता में रहते हुए किया जा सकता है। बार-बार पुराने मुद्दों और पूर्व नेताओं पर राजनीति करना उचित नहीं है। मोदी सरकार को देशहित में निर्णय लेने चाहिए, और देश उसके साथ खड़ा है। आनंद दुबे ने कहा कि वंदे मातरम का पूरा देश सम्मान करता है। अगर इसमें कुछ त्रुटियां हैं, तो उन्हें शांतिपूर्वक सुधारना चाहिए।
आनंद दुबे ने कहा कि देशभर में चुनाव प्रक्रिया में कई अनियमितताएं सामने आ रही हैं। वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़ा, एक ही नाम के कई चेहरे, एक ही पते पर सैकड़ों नाम और ईवीएम से जुड़ी शिकायतें। उन्होंने कहा कि चुनाव व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए। जहाँ भाजपा जीती हो या महाविकास अघाड़ी, दोनों जगह जांच होनी चाहिए। विपक्ष का काम गलतियों को उजागर करना है, लेकिन उसे ईडी-सीबीआई के दबाव में नहीं दबाया जाना चाहिए। यदि ऐसा होता रहा, तो लोकतंत्र मजबूत नहीं हो पाएगा।
आनंद दुबे ने गोवा में नाइट क्लब में लगी आग को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि गोवा में नाइट पब और क्लब बिना नियम-कानून के चल रहे हैं, जबकि वहाँ मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और केंद्र में भाजपा की डबल इंजन सरकार है। दुबे ने पीड़ितों को मुआवजा देने और अवैध क्लब चलाने वालों व सरकारी संरक्षण पाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने कहा कि प्रमोद सावंत को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, नहीं तो किसी अन्य को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।