क्या आंध्र प्रदेश में शराब घोटाले का सच सामने आ रहा है? एसआईटी ने फार्महाउस से 11 करोड़ की नकदी बरामद की

सारांश
Key Takeaways
- एसआईटी ने 11 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की।
- छापेमारी फार्महाउस पर की गई थी।
- 12 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है।
- वाईएसआरसीपी नेताओं की संलिप्तता की जानकारी मिली।
- जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है।
हैदराबाद, 30 जुलाई (आईएएनएश)। आंध्र प्रदेश में शराब घोटाले के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) को एक बड़ी सफलता मिली है। एसआईटी ने बुधवार को छापेमारी के दौरान 11 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की। यह छापेमारी हैदराबाद के बाहरी क्षेत्र में स्थित एक फार्महाउस पर की गई।
यह कार्रवाई एक आरोपी द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर की गई। वरुण पुरुषोत्तम, जो मामले में एक आरोपी हैं, ने अपनी भागीदारी स्वीकार की और कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की। उसी सूचना के आधार पर, एसआईटी ने छापा मारा, जिसमें हैदराबाद के बाहरी क्षेत्र में एक फार्महाउस में छिपाए गए नकद के बारे में जानकारी मिली।
एसआईटी ने शमशाबाद मंडल के काचरम स्थित सुलोचना फार्म गेस्टहाउस से 11 करोड़ रुपए नकद बरामद किए। यह धन 12 कार्डबोर्ड बॉक्स में छिपाकर रखा गया था। साथ ही, एसआईटी ने इसी स्थान से शराब की एक बड़ी खेप भी जब्त की।
कथित शराब घोटाले में एसआईटी ने हाल के दिनों में अपनी जांच को तेज किया है। यह घोटाला 2019 से 2024 के बीच वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की पूर्व सरकार के दौरान हुआ था। एसआईटी को कथित तौर पर वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेताओं की संलिप्तता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। जांच से यह भी सामने आया है कि पिछले पांच वर्षों में लगभग 3,500 करोड़ रुपए की रिश्वत का एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय था।
आरोप है कि वाईएसआरसीपी के नेताओं ने नई शराब नीति को बढ़ावा दिया, नई ब्रांड्स को लॉन्च किया और डिस्टिलरी कंपनियों से भारी रिश्वत ली, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ। अब तक एसआईटी ने इस मामले में वाईएसआरसीपी सांसद पीवी मिथुन रेड्डी समेत 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।