क्या बाबा साहेब को संसद में प्रवेश न देने की साजिश किसने रची थी? अनिल बलूनी ने खड़गे-राहुल पर सवाल दागे

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क्या बाबा साहेब को संसद में प्रवेश न देने की साजिश किसने रची थी? अनिल बलूनी ने खड़गे-राहुल पर सवाल दागे

सारांश

भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने संविधान दिवस के बहिष्कार और बाबा साहेब आंबेडकर के सम्मान पर कांग्रेस के रुख पर सवाल उठाए, जो राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया है। जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • अनिल बलूनी ने खड़गे और राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए।
  • कांग्रेस ने संविधान दिवस का विरोध किया था।
  • बाबा साहेब आंबेडकर के सम्मान पर सवाल उठाए गए।

नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने खड़गे, राहुल गांधी और इंडी गठबंधन के नेताओं से पूछा कि जब 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने की शुरुआत की थी, तब कांग्रेस और अन्य इंडी दलों ने इसका न केवल विरोध किया था, बल्कि संसद में आयोजित कार्यक्रम का भी बहिष्कार किया था।

अनिल बलूनी ने खड़गे और राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कई सवाल किए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''आज संविधान दिवस है, और भारत का संविधान हमारे लोकतंत्र की आत्मा है। यह हमें केवल अधिकार ही नहीं देता, बल्कि कर्तव्यों का भी बोध कराता है। पिछले 11 वर्ष में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में न केवल संवैधानिक सर्वोच्चता स्थापित हुई है, बल्कि लोकतंत्र की जड़ें और भी मजबूत हुई हैं। आज का दिन हमें याद दिलाता है कि संविधान दिवस केवल इतिहास का स्मरण नहीं है, बल्कि भविष्य की जिम्मेदारी का आह्वान है।''

उन्होंने आगे लिखा, ''कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और इंडी गठबंधन के नेताओं ने आज भी देश के खिलाफ काम करने वाली टूलकिट गैंग के साथ मिलकर तुच्छ राजनीति का प्रयास किया है, जो निंदनीय है। खड़गे, राहुल गांधी और इंडी ठगबंधन के नेताओं को याद रखना चाहिए कि जब 2015 में हमारे प्रधानमंत्री ने 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने की शुरुआत की थी, तब कांग्रेस और अन्य इंडी दलों ने इसका विरोध किया और संसद में आयोजित कार्यक्रम का बहिष्कार किया। खड़गे जी, आपको याद होगा कि आजादी के बाद कांग्रेस ने किस तरह संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार किया। बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को संसद में प्रवेश न देने की साजिश किसने रची थी, खड़गे जी? आपके दो प्रधानमंत्रियों ने प्रधानमंत्री रहते हुए खुद को भारत रत्न से सम्मानित करवाया, लेकिन बाबा साहेब को न तो कांग्रेस ने भारत रत्न दिया और न ही उनका तैलचित्र संसद में लगाने दिया।''

भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने लिखा, ''खड़गे जी, राहुल गांधी और इंडी दल के नेता बताएं कि देश में लोकतंत्र की हत्या कर आपातकाल किसने थोपा था? प्रेस, सिनेमा और जनता की आवाज पर प्रतिबंध किसने लगाया था? लाखों लोगों को बिना कारण जेल में किसने डाला था? सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता को दरकिनार कर जज किसने नियुक्त किया था? सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव कौन लाया था? देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का संसद परिसर में मजाक किसने उड़ाया था? आरक्षण का विरोध किसने किया था? 42वां संविधान संशोधन कर संविधान की आत्मा को किसने कुचला था? राज्यों की चुनकर आई सरकारों को सबसे अधिक बार अनुच्छेद 356 लगाकर असंवैधानिक रूप से बर्खास्त किसने किया? सुप्रीम कोर्ट के शाहबानो मामले में संसद में जाकर फैसला किसने बदला?''

उन्होंने कहा कि खड़गे और राहुल गांधी बताएं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर झूठ बोलने के बाद माफी किसे मांगनी पड़ी थी? चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था को कमजोर करने के कितने उदाहरण कांग्रेस के नाम हैं, यह देश और मीडिया दोनों जानते हैं। सच कड़वा होता है, खड़गे और राहुल गांधी जी। कुछ भी कहने से पहले आपको अपने गिरेबान में जरूर झांकना चाहिए।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम इस मामले में निष्पक्ष और संतुलित दृष्टिकोण अपनाएं। भारतीय राजनीति में ऐसे मुद्दे अक्सर उठते हैं जो समाज को विभाजित कर सकते हैं। हमें इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और सभी पक्षों को सुनना चाहिए। देश की एकता और अखंडता के लिए यह आवश्यक है।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या बाबा साहेब आंबेडकर को संसद में प्रवेश से रोका गया था?
जी हां, अनिल बलूनी का आरोप है कि कांग्रेस ने इस मामले में नकारात्मक भूमिका निभाई थी।
संविधान दिवस पर कांग्रेस का क्या रुख था?
कांग्रेस और अन्य इंडी दलों ने 2015 में इसे मनाने का विरोध किया था और कार्यक्रम का बहिष्कार किया था।
अनिल बलूनी ने कौन से मुद्दे उठाए?
उन्होंने आपातकाल, प्रेस की स्वतंत्रता और संविधान के कई संशोधनों पर सवाल उठाए।
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