क्या सुपरफ्रूट अंजीर का रोजाना सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है?
सारांश
Key Takeaways
- अंजीर कब्ज और कमजोरी को दूर करता है।
- यह हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
- रात में भिगोकर सेवन करना सबसे अच्छा तरीका है।
- मधुमेह के मरीजों को सावधानी बरतनी चाहिए।
- यह त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अंजीर केवल एक स्वादिष्ट फल नहीं है, बल्कि यह औषधीय गुणों से समृद्ध है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है। आयुर्वेद में इसे एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसके नियमित सेवन से न केवल कब्ज और कमजोरी का समाधान होता है, बल्कि पुरानी खांसी में भी लाभ मिलता है।
संस्कृत में इसे उदुम्बर कहा जाता है, और यह ताजा तथा सूखे दोनों रूपों में उपयोगी है। यह शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता है और कई बीमारियों से राहत देने में सहायक है।
आयुर्वेद के अनुसार, अंजीर का रस मीठा, औषधीय गुणों से युक्त और ठंडा होता है। यह मुख्य रूप से पित्त और वात दोष को शांत करता है, जबकि कफ में सीमित मात्रा में लाभकारी है। पाचन तंत्र पर इसका प्रभाव विशेष रूप से फायदेमंद है। यह पुरानी कब्ज से छुटकारा दिलाता है और आंतों के सूखेपन को कम करता है।
बवासीर के मरीजों के लिए अंजीर फायदेमंद है। यह मल त्याग को सरल बनाता है और खून वाली बवासीर में जलन-दर्द को कम करता है। सुपरफ्रूट कमजोरी और रक्त संबंधी समस्याओं को भी दूर करता है। यह लंबी बीमारी के बाद रिकवरी में मदद करता है और महिलाओं की सामान्य कमजोरी को दूर करता है।
श्वसन तंत्र के लिए सूखा अंजीर सूखी खांसी, गले की खराश और फेफड़ों को पोषण प्रदान करता है। हृदय स्वास्थ्य के लिए अंजीर एक टॉनिक है। यह रक्त वाहिनियों को मजबूत बनाता है, कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखता है और रक्त संचार को सुधारता है। आयुर्वेदाचार्य
अंजीर का सेवन कैसे करें, इसके बारे में आयुर्वेदाचार्य जानकारी देते हैं। इसके लिए रात में 1-2 सूखे अंजीर को पानी में भिगोकर रखें और सुबह खाली पेट खाएं। दूध के साथ लेने से शरीर को ताकत मिलती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अंजीर एक प्रभावी फल है, जो शरीर की कई समस्याओं को हल करता है और पोषण व ताकत प्रदान करता है। नियमित और संतुलित सेवन से ही लाभ मिलता है। हालाँकि, सावधानीमधुमेह के मरीजों को सीमित मात्रा में लेना चाहिए, अधिक कफ वाले अधिक न खाएं और अत्यधिक सेवन से पेट ढीला हो सकता है। आयुर्वेदिक उपचार से पहले वैद्य की सलाह अवश्य लें।