क्या अन्नदाता किसान को समस्या होने पर कोई नहीं बचेगा?: सीएम योगी
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री ने खाद की कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया।
- किसानों की खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
- मिलावट करने वालों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई होगी।
- जिलाधिकारियों को औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।
- सरकार का लक्ष्य है कि कोई किसान खाद के लिए भटकने न पाए।
लखनऊ, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो लोग मिलावटी या नकली खाद बेचते हैं और खाद की कालाबाजारी में लिप्त हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि अन्नदाता किसान को खाद के संबंध में कोई समस्या आती है, तो जवाबदेही तय की जाएगी, और दोषी चाहे किसी भी स्तर का हो, कार्रवाई से नहीं बचेगा।
कृषि मंत्री और सहकारिता मंत्री की उपस्थिति में मंगलवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में, मुख्यमंत्री ने प्रदेश में खाद की उचित उपलब्धता और सुचारू वितरण को लेकर कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सहकारिता और कृषि मंत्री प्रतिदिन खाद की उपलब्धता और वितरण की स्थिति की समीक्षा करें। मुख्यमंत्री कार्यालय से हर जिले पर सीधी निगरानी रखी जाएगी और खाद वितरण में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सीएम योगी ने निर्देश दिए कि जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी स्वयं खाद की दुकानों और समितियों पर औचक निरीक्षण करें। ओवर रेटिंग किसी भी दशा में नहीं होनी चाहिए और खाद समितियां निर्धारित समय के अनुसार खुली रहनी चाहिए। डीएपी, यूरिया और पोटाश किसानों को केवल तय सरकारी दरों पर ही उपलब्ध कराई जाए। जहां भी गड़बड़ी पाई जाए, वहां तुरंत जवाबदेही तय की जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि फील्ड में तैनात अधिकारियों की गतिविधियों की निरंतर निगरानी की जाएगी। यदि किसी स्तर पर मिलीभगत या लापरवाही सामने आती है, तो खुली विजिलेंस जांच कराई जाएगी। उनका स्पष्ट संदेश था कि खाद संकट पैदा करने या कृत्रिम अभाव दिखाने की कोशिश करने वालों के लिए प्रदेश में कोई जगह नहीं है।
बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि प्रदेश में 16 दिसंबर 2025 तक कुल 9.57 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 3.77 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 3.67 लाख मीट्रिक टन एनपीके उर्वरक किसानों के लिए उपलब्ध है। सहकारी क्षेत्र में 3.79 लाख मीट्रिक टन और निजी क्षेत्र में 5.78 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। डीएपी में सहकारी क्षेत्र में 1.47 लाख मीट्रिक टन और निजी क्षेत्र में 2.30 लाख मीट्रिक टन तथा एनपीके में सहकारी क्षेत्र में 0.88 लाख मीट्रिक टन और निजी क्षेत्र में 2.79 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की उपलब्धता बताई गई।
मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि रबी फसलों की बुवाई लगभग पूर्ण हो चुकी है और गेहूं की फसल में टॉप ड्रेसिंग के लिए यूरिया का वितरण किया जा रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में इस अवधि में यूरिया की बिक्री अधिक रही है और वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 54,249 मीट्रिक टन यूरिया का वितरण हो रहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि उपलब्धता के बावजूद किसी किसान को खाद के लिए भटकना न पड़े, यही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।