क्या अरबी सेहत और स्वाद का खजाना है?
सारांश
Key Takeaways
- अरबी के फूल और पत्तियाँ पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती हैं।
- यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाती हैं।
- इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक।
- ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार।
- कच्चे खाने से बचना चाहिए।
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अरबी के फूल और पत्तियों से न सिर्फ स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं, बल्कि ये पाचन, इम्यूनिटी, हृदय स्वास्थ्य, ब्लड शुगर कंट्रोल और आंखों की देखभाल में भी अत्यंत लाभकारी सिद्ध होते हैं।
अरबी जिसे कोलोकेसिया एस्कुलेंटा या टैरो के नाम से भी जाना जाता है, इसकी जड़ें तो सभी जानते हैं, लेकिन इसके फूल और पत्तियाँ भी पोषण और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती हैं। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय अरबी के औषधीय गुणों के बारे में जानकारी साझा करता है और इसके इस्तेमाल की सलाह देता है।
पोषक तत्वों से भरपूर अरबी की पत्तियाँ और फूल कई रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। भारत में इनकी पत्तियों का उपयोग पकोड़े और सब्जी बनाने में किया जाता है, जबकि आइलैंड्स, वानुअतु और न्यू गिनी जैसे देशों में इसके खाने योग्य फूलों को पकाकर या तलकर खाया जाता है। इन फूलों से बना 'अचु सूप' (पीला सूप) पोषण और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
अरबी की सब्जी, पत्तियाँ और फूल पोषण तत्वों का भंडार हैं। इनमें फाइबर, पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी और ई की भरपूर मात्रा होती है। ये तत्व पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं, कब्ज को दूर करते हैं और आंतों को स्वस्थ रखते हैं। फाइबर वजन को नियंत्रित करने में सहायक होता है और भूख को कम करता है। विटामिन सी इम्यूनिटी को बढ़ाता है, जिससे संक्रमण और बीमारियों से लड़ने की क्षमता मजबूत होती है।
ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी अरबी का योगदान महत्वपूर्ण है। इसमें मौजूद रेसिस्टेंट स्टार्च और फाइबर ब्लड शुगर को स्थिर रखते हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है। वहीं, पोटैशियम कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हृदय स्वास्थ्य में सुधार लाता है। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करते हैं, जो जोड़ों के दर्द और गठिया में राहत प्रदान करते हैं। विटामिन ए आंखों की रोशनी को बेहतर बनाता है और रतौंधी जैसी समस्याओं से सुरक्षा करता है।
अरबी बच्चों और बुजुर्गों के लिए एक पौष्टिक आहार है। हालाँकि, आयुर्वेदाचार्य सलाह देते हैं कि अरबी की पत्तियाँ और फूल को अच्छी तरह पकाकर ही खाना चाहिए, क्योंकि कच्चे में ऑक्सलेट होता है, जो गले में खुजली पैदा कर सकता है। पत्तियों को दही या इमली के साथ पकाने से यह समस्या हल हो सकती है।