क्या सर्दियों में च्यवनप्राश है अभेद्य कवच? आयुर्वेद से जानें इसके फायदे और सेवन का सही तरीका

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क्या सर्दियों में च्यवनप्राश है अभेद्य कवच? आयुर्वेद से जानें इसके फायदे और सेवन का सही तरीका

सारांश

क्या आप जानते हैं कि सर्दियों में च्यवनप्राश क्यों है एक अभेद्य कवच? जानिए इसके अद्भुत फायदे और सेवन करने का सही तरीका। यह न केवल आपकी इम्युनिटी बढ़ाता है, बल्कि आपके शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है।

Key Takeaways

  • च्यवनप्राश
  • यह सर्दियों में खांसी और सर्दी से बचाता है।
  • इसमें 30 से अधिक जड़ी-बूटियाँ होती हैं।
  • बच्चों के लिए भी यह फायदेमंद है।
  • सही मात्रा में सेवन करना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों में सर्दी-जुकाम, खांसी और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इस समय, आयुर्वेद का रसायन च्यवनप्राश शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का एक विश्वसनीय उपाय माना जाता है।

यह न केवल इम्युनिटी को बढ़ाता है, बल्कि फेफड़ों, हृदय, त्वचा और दिमाग को भी पोषण देता है। हजारों वर्ष पुरानी इस औषधि को महर्षि च्यवन की रोगमुक्ति से जोड़ा जाता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, वृद्ध और कमजोर महर्षि च्यवन को अश्विनी कुमारों ने एक विशेष रसायन दिया, जिससे उनका शरीर फिर से युवा और ताकतवर हो गया। इसी रसायन को च्यवनप्राश नाम दिया गया।

आयुर्वेद में च्यवनप्राश के बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है। यह एक अवलेह (जैम जैसा) है, जिसमें मुख्य रूप से आंवला होता है। इसके अलावा अश्वगंधा, शतावरी, गिलोय, पुनर्नवा, हरड़, दशमूल और ब्राह्मी जैसी 30 से ज्यादा जड़ी-बूटियां मिलाई जाती हैं। घी, तिल तेल, इलायची, दालचीनी और पिप्पली जैसे मसाले और अंत में शहद और शर्करा डाली जाती है। शहद हमेशा ठंडे मिश्रण में मिलाया जाता है, क्योंकि गर्म में मिलाने से उसका गुण नष्ट हो जाता है।

आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि सर्दियों में च्यवनप्राश विशेष रूप से आवश्यक है, क्योंकि इस मौसम में कफ दोष बढ़ जाता है, पाचन कमजोर हो जाता है और संक्रमण आसानी से फैलते हैं। च्यवनप्राश शरीर की आंतरिक अग्नि को संतुलित करता है, फेफड़ों को मजबूत बनाता है, सर्दी-खांसी से बचाव करता है और थकान-रूखापन दूर करता है। यह अंदर से शरीर को गर्म और ऊर्जावान रखता है।

च्यवनप्राश के सेवन से कई फायदे मिलते हैं। आंवला, गिलोय और अश्वगंधा संक्रमण से प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करते हैं और इम्युनिटी बढ़ाते हैं। दमा, एलर्जी और बार-बार होने वाली सर्दी में राहत मिलती है और श्वसन तंत्र मजबूत होता है। स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है। एंटीऑक्सीडेंट्स रक्त को शुद्ध रखते हैं। हृदय को सुरक्षा मिलती है। यह त्वचा और बाल के लिए भी फायदेमंद है और चेहरे पर चमक लाता है।

आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि सेवन का सही तरीका क्या है? च्यवनप्राश सुबह खाली पेट थोड़े से गुनगुने दूध के साथ लें। बच्चों को आधा-1 चम्मच दें। रात में भी लिया जा सकता है।

एक्सपर्ट कुछ सावधानी भी रखने की सलाह देते हैं। इसे ठंडे पानी, चाय या जूस के साथ न लें। डायबिटीज के मरीज शुगर-फ्री च्यवनप्राश चुनें। अधिक मात्रा में सेवन से बचें।

Point of View

बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। इसे एक पारंपरिक उपाय के रूप में देखा जाता है, जो आधुनिक जीवनशैली में भी प्रासंगिक है।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

च्यवनप्राश का सेवन कब करना चाहिए?
च्यवनप्राश का सेवन सुबह खाली पेट करना सबसे फायदेमंद होता है।
क्या च्यवनप्राश बच्चों के लिए सुरक्षित है?
हाँ, च्यवनप्राश बच्चों के लिए भी सुरक्षित है, लेकिन मात्रा का ध्यान रखना चाहिए।
क्या डायबिटीज के मरीज च्यवनप्राश ले सकते हैं?
डायबिटीज के मरीजों को शुगर-फ्री च्यवनप्राश चुनना चाहिए।
च्यवनप्राश का सही सेवन करने का तरीका क्या है?
च्यवनप्राश को हमेशा गुनगुने दूध के साथ लेना चाहिए।
क्या च्यवनप्राश के कोई साइड इफेक्ट्स हैं?
यदि अधिक मात्रा में लिया जाए तो कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, इसलिए सही मात्रा में सेवन करें।
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