क्या आर्म्स डीलर संजय भंडारी की संपत्ति जब्त की जाएगी? कोर्ट में २२ नवंबर को होगी सुनवाई
सारांश
Key Takeaways
- संजय भंडारी पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं।
- ईडी ने उनकी संपत्तियों को जब्त करने की मांग की है।
- अगली सुनवाई २२ नवंबर को होगी।
- भंडारी को पहले ही भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
- यह मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक है।
नई दिल्ली, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में आर्म्स डीलर संजय भंडारी से संबंधित मामला फिर से चर्चा में है। ईडी द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई टल गई है, जिसमें एजेंसी ने भगोड़े कारोबारी की संपत्तियों को जब्त करने की मांग की है। अब इस मामले की सुनवाई २२ नवंबर को होगी।
संजय भंडारी रक्षा सौदों से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में आरोपी हैं। उन्हें पहले ही भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। ईडी ने अपनी याचिका में कहा है कि भंडारी की जो संपत्तियां भारत में हैं, वे उनके या उनकी कंपनियों से सीधे जुड़ी हुई हैं, इसलिए इन्हें जब्त किया जाना चाहिए।
पिछली सुनवाई में ईडी ने अदालत को बताया कि संजय भंडारी से जुड़ी संपत्तियों पर अब तक किसी ने कोई आपत्ति नहीं की है। इससे स्पष्ट है कि इन संपत्तियों पर किसी और का कानूनी अधिकार नहीं है, और इसलिए ये कानूनी रूप से जब्ती के योग्य हैं।
भंडारी के वकील ने कहा कि ईडी ने अपने जवाब में ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं जो पहले पेश नहीं किए गए थे।
ईडी ने इस पर जवाब दिया है कि सभी दस्तावेज कानूनी प्रक्रिया के तहत प्रस्तुत किए गए हैं और इन्हें अदालत की अनुमति से ही उपयोग में लाया जाएगा।
ईडी ने दोहराया है कि संजय भंडारी से संबंधित संपत्तियां अवैध रूप से अर्जित की गई हैं और इन्हें जब्त करना आवश्यक है ताकि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों को लागू किया जा सके।
अब अदालत इस पूरे विवाद पर २२ नवंबर को सुनवाई करेगी। उस दिन यह तय होगा कि ईडी को भंडारी की संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति दी जाए या नहीं।
गौरतलब है कि संजय भंडारी के खिलाफ ईडी और आयकर विभाग की जांच कई वर्षों से जारी है। उन पर रक्षा सौदों से जुड़े कमीशन लेने और काले धन को विदेशों में छिपाने का आरोप है।