क्या नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के विकास का प्रतीक बनेगा? : सीएम योगी आदित्यनाथ
सारांश
Key Takeaways
- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत से रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
- यह एयरपोर्ट प्रदेश के विकास का प्रतीक बनेगा।
- निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समयबद्धता पर जोर दिया गया है।
- यात्री सुविधा और सुरक्षा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- यह एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश में विमानन क्षेत्र में एक नई दिशा देगा।
गौतमबुद्ध नगर, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने डॉमेस्टिक टर्मिनल, उद्घाटन समारोह स्थल, सुरक्षा प्रबंधन, यातायात व्यवस्था और अन्य निर्माण कार्यों की प्रगति का बारीकी से अवलोकन किया। निरीक्षण के बाद, मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट के बोर्डरूम में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनआईएएल) और एयरपोर्ट निर्माण एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में परियोजना की प्रगति, आगामी कार्ययोजना और उद्घाटन समारोह की तैयारियों पर पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी गई।
इस दौरान, सीएम योगी ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रदेश के विकास का प्रतीक बनेगा, इसलिए निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, समयबद्धता और समन्वय सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में उच्च मानकों के अनुरूप पूरे किए जाएं और उद्घाटन समारोह की तैयारियों में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सौंदर्यीकरण, स्वच्छता और यात्री सुविधा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। साथ ही सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए ठोस और समन्वित कार्ययोजना तैयार करने को कहा। एयरपोर्ट से जुड़ी सड़क और मेट्रो लिंक परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के भी निर्देश दिए गए।
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने नागरिक उड्डयन, सुरक्षा, विस्फोटक निरोधक दस्ता, नियंत्रण इकाई, उप स्टेशन और आधारभूत संरचना से संबंधित अद्यतन जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डे के संचालन से जुड़े सभी तकनीकी, सुरक्षा एवं प्रशासनिक पहलुओं की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सीओओ किरण जैन ने एनआईए अनुज्ञा निर्गमन, यात्री सुरक्षा, रनवे, वायुसंचालन परीक्षण और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की सुरक्षा व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डे परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को पूर्ण रूप से सुदृढ़ और चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए तथा कहा कि किसी भी प्रकार की शिथिलता अस्वीकार्य होगी। मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डे से सड़क संपर्क, माल परिवहन संपर्क, अग्निशमन केंद्र, जल शोधन संयंत्र, जलभराव निस्तारण एवं वाहन पार्किंग की व्यवस्थाओं की भी विस्तार से समीक्षा की।
नायल के सीईओ राकेश कुमार सिंह और नोडल अफसर शैलेंद्र भाटिया ने प्रगति और कनेक्टिविटी के संबंध में अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों को सुगम एवं सुरक्षित अनुभव प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां निर्धारित समय सीमा में पूरी कर ली जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि हवाई अड्डे के सभी कार्यों की प्रगति नियमित रूप से समीक्षा कर गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभा स्थल पर भूमि समतलीकरण, साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, पुलिस सुरक्षा, पेयजल, शौचालय और अन्य सभी मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त रखा जाए ताकि आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जनसभा स्थल तक पहुंचने वाले सभी मार्गों पर यातायात एवं पार्किंग व्यवस्था सुचारू रखी जाए तथा संपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षा प्रबंध, स्वच्छता एवं प्रकाश की व्यवस्था उच्च स्तर की सुनिश्चित की जाए। जेवर एयरपोर्ट का लोकार्पण कराए जाने वाला हिस्सा का क्षेत्रफल ३,३०० एकड़ है, जबकि कुल ६,७०० एकड़ भूमि का अब तक अधिग्रहण किया जा चुका है। शेष ५,१०० एकड़ भूमि अगले तीन माह में ली जाएगी। भूमि क्रय की लागत लगभग ५,००० करोड़ रुपए और एयरपोर्ट निर्माण की लागत ७,००० करोड़ रुपए है।
उद्घाटन के समय एयरपोर्ट एक रनवे के साथ क्रियाशील होगा और इसकी वार्षिक यात्री क्षमता १.२ करोड़ होगी। साथ ही, औसतन प्रतिदिन १५० उड़ानें यहां से संचालित होंगी। भविष्य में यात्रियों की संख्या १ करोड़ से अधिक होने पर दूसरे रनवे का निर्माण शुरू हो जाएगा और दोनों रनवे मिलकर ७ करोड़ यात्रियों की सेवा करेंगे। जेवर एयरपोर्ट के पूर्ण स्वरूप में कुल ५ रनवे होंगे, इसका कुल क्षेत्रफल ११,७५० एकड़ होगा, और यह प्रतिवर्ष ३० करोड़ यात्रियों को सेवा देने में सक्षम होगा। यूपी में कुल २४ एयरपोर्ट्स हैं, जिनमें से १६ संचालित हो चुके हैं।
वहीं, जेवर एयरपोर्ट बनकर तैयार हो चुका है और अब इसका जल्द ही शुभारंभ होने वाला है। वहीं, ७ एयरपोर्ट्स निर्माणाधीन हैं। संचालित एयरपोर्ट्स में घरेलू स्तर पर आगरा, त्रिशूल (बरेली), गोरखपुर, हिंडन (गाजियाबाद), प्रयागराज, कानपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट और सहारनपुर शामिल हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर और अयोध्या एयरपोर्ट क्रियाशील हैं।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शुभारंभ होते ही उत्तर प्रदेश ५ इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला देश का इकलौता राज्य बन जाएगा। निर्माणाधीन एयरपोर्ट्स की बात करें तो सोनभद्र, ललितपुर, मेरठ, गाजीपुर, झांसी, अमेठी और पलिया में भी इस पर तेजी से कार्य चल रहा है जो भविष्य में प्रदेश के वायु संपर्क और पर्यटन को और मजबूत करेंगे। अब सिविल एविएशन के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो रहा है। वर्ष २०२४-२५ में करीब १.५ करोड़ लोगों ने हवाई यात्रा की, जिसमें १.३ करोड़ घरेलू यात्री तो वहीं १३ लाख से ज्यादा इंटरनेशनल यात्री शामिल रहे। २०१७ से २०२५ के बीच यात्री संख्या में १०.१ प्रतिशत की वार्षिक चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) से वृद्धि हुई है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत से लगभग १ लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की संभावना है। वहीं, बेहतर एयर कनेक्टिविटी से प्रदेश में पर्यटन को भी नया आयाम मिला है, विशेषकर अयोध्या और वाराणसी जैसे धार्मिक स्थलों पर पर्यटक संख्या में ३० प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष २०२३ में उत्तर प्रदेश में ५० करोड़ से अधिक पर्यटक आए, जिनमें २० प्रतिशत हवाई मार्ग से पहुंचे। वहीं, एयर कार्गो सेवाओं के चलते वाराणसी और आगरा जैसे शहरों से निर्यात में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
जेवर एयरपोर्ट से एनसीआर–यूपी बेल्ट में औद्योगिक विकास और रियल एस्टेट मूल्यों में २०–३० फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। कुल मिलाकर, एविएशन सेक्टर अब राज्य की जीडीपी में २–३ फीसदी तक योगदान दे रहा है, जबकि २०१७ से पहले यह आंकड़ा १ प्रतिशत से भी कम था। उड़ान योजना से छोटे शहरों जैसे अलीगढ़ और आजमगढ़ में व्यापार को बढ़ावा मिला है। आने वाले वर्षों में, २४ संचालित एयरपोर्ट्स के साथ उत्तर प्रदेश देश के कुल ३–३.५ अरब यात्री ट्रैफिक में १०–१५ फीसदी हिस्सेदारी का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में अग्रसर है।