क्या 2025 राजनीतिक उथल-पुथल का साल है, वक्फ से लेकर वंदे मातरम तक उठे सवाल?

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क्या 2025 राजनीतिक उथल-पुथल का साल है, वक्फ से लेकर वंदे मातरम तक उठे सवाल?

सारांश

साल 2025 ने भारतीय राजनीति में कई बड़े विवादों को जन्म दिया। वक्फ अधिनियम से लेकर चुनावी निष्पक्षता तक, हर मुद्दा राजनीतिक तापमान को बढ़ा रहा है। जानिए इस साल के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के बारे में।

Key Takeaways

  • वक्फ अधिनियम 2025 का विवाद मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर केंद्रित है।
  • चुनावों में निष्पक्षता को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं।
  • ऑपरेशन सिंदूर ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव बढ़ा दिया।
  • सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने लोकतांत्रिक अधिकारों पर सवाल उठाए।
  • वंदे मातरम पर संसद में चर्चा ने राजनीतिक विवाद पैदा किया।

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। साल 2025 अपने अंत की ओर बढ़ रहा है। यह वर्ष देश के राजनीतिक परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण रहा है। सत्ता और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर विवाद हुए। विभिन्न बड़े विवादों ने सरकार, विपक्ष, और जनता के बीच तनाव को बढ़ाया। इनमें अंतरराष्ट्रीय तनाव, घरेलू चुनावी मुद्दे, कानूनी सुधार, और सामाजिक प्रश्न शामिल रहे। आइए, हम इन मुद्दों पर एक नज़र डालते हैं।

भारतीय राजनीति में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर बड़ा विवाद उत्पन्न हुआ। यह कानून मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन में बदलाव लाने के लिए बनाया गया था, लेकिन इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला माना गया। विपक्षी पार्टियों और मुस्लिम संगठनों ने इसे असंवैधानिक कहा, जबकि सरकार ने इसे पारदर्शिता बढ़ाने वाला कदम बताया। इस विवाद ने संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हलचल मचा दी।

वर्ष 2025 में एक और महत्वपूर्ण मुद्दा चुनाव की निष्पक्षता रहा। विपक्ष ने सरकार पर 'वोट चोरी' का आरोप लगाया, जबकि एनडीए नेताओं ने इसका खंडन किया। 'वोट चोरी' के आरोप ने देशभर में व्यापक बहस को जन्म दिया। अगस्त में, लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलीभगत का दावा किया। 'वोट चोरी से आजादी' अभियान चलाया गया और मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग की चर्चा हुई। भाजपा ने इसे हार का बहाना बताया। यह विवाद पूरे साल चर्चा का विषय बना और चुनावी संस्थाओं की निष्पक्षता पर सवाल उठाए।

चुनावों में पारदर्शिता के मुद्दे पर 2025 में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर भी बड़ा विवाद रहा। चुनाव आयोग ने बिहार से एसआईआर शुरू कर 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अभियान चलाया। विपक्ष, खासकर कांग्रेस और राहुल गांधी ने इसे 'वोट चोरी' करार दिया, यह आरोप लगाते हुए कि इससे अल्पसंख्यक और विपक्षी वोटरों को निशाना बनाया जा रहा है। वहीं, सत्ता पक्ष ने एसआईआर को मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए आवश्यक कदम बताया और फर्जी वोटरों को हटाने पर जोर दिया।

इस साल ऑपरेशन सिंदूर सबसे बड़ी हाइलाइट रहा। अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 25 से ज्यादा पर्यटक मारे गए थे। भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया। इसके जवाब में मई में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया, जिसमें पाकिस्तानी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए। दोनों देशों के बीच ड्रोन युद्ध हुआ, भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित किया और व्यापार रोका। यह साल का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय विवाद रहा, जिसने दोनों देशों के बीच तनाव को बहुत बढ़ा दिया। राजनीतिक संदर्भ में भी इसका प्रभाव देखा गया। विपक्ष ने आतंकी हमले के खिलाफ कार्रवाई पर सरकार के साथ खड़े रहने का रुख अपनाया, वहीं केंद्र सरकार पर अमेरिका के दबाव में झुकने का आरोप लगाया गया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई 2025 में भारत-पाकिस्तान संघर्ष में सीजफायर करवाने का दावा किया, जिस पर विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार को घेरा। कांग्रेस और अन्य दलों ने आरोप लगाया कि सरकार ने ट्रंप के झूठे दावे का मजबूती से खंडन नहीं किया। विपक्ष ने सरकार की विदेशी नीति पर बड़ा सवाल उठाया। ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि उन्होंने मोदी के फोन पर युद्ध रोका, लेकिन भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया। विपक्ष ने संसद में चर्चा की मांग की।

ट्रंप के भारत को 'डेड इकोनॉमी' (मृत अर्थव्यवस्था) कहने वाले बयान ने भी देश में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। अगस्त 2025 में ट्रंप ने सोशल मीडिया पर भारत के ऊंचे आयात शुल्कों की आलोचना करते हुए कहा कि भारत अमेरिका के साथ 'बहुत कम कारोबार' करता है और यह एक 'मृत अर्थव्यवस्था' है। राहुल गांधी ने भी भारत में ट्रंप की बात को दोहराते हुए केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि 'ट्रंप 2.0' के तहत अमेरिका-भारत संबंध लगातार धरातल में जा रहे हैं।

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की सितंबर 2025 में एनएसए के तहत गिरफ्तारी ने भी बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया। लद्दाख को पूर्ण राज्य दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के दौरान लेह में हिंसा हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। सरकार ने वांगचुक पर उकसाने का आरोप लगाया, जबकि विपक्ष और कार्यकर्ताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया। कांग्रेस और अन्य दलों ने गिरफ्तारी की निंदा की और सरकार पर शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने का आरोप लगाया।

मणिपुर में 2023 से चली आ रही जातीय हिंसा 2025 में भी जारी रही। 200 से ज्यादा मौतें हुईं और हजारों विस्थापित हुए। सरकार पर हिंसा रोकने में नाकामी का आरोप लगा। साथ ही, सीएए के तहत नागरिकता देने और रोहिंग्या शरणार्थियों पर सख्ती से अल्पसंख्यक अधिकारों का विवाद बढ़ा।

साल 2025 में बिहार की सियासत में लालू प्रसाद यादव का पारिवारिक विवाद भी सुर्खियों में रहा। मई में लालू ने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया, जिसकी वजह सोशल मीडिया पर विवादास्पद पोस्ट बताई गई। तेज प्रताप ने अलग पार्टी बनाई और चुनाव लड़ा। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं, राजद की विधानसभा चुनाव में करारी हार (केवल 25 सीटें) के बाद परिवार में गहरी दरारें भी उजागर हुईं।

हार के बाद बेटी रोहिणी आचार्य ने भाई तेजस्वी यादव और उनके सहयोगियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए परिवार त्यागने और राजनीति छोड़ने की घोषणा की। रोहिणी ने खुद को अपमानित बताते हुए कहा कि उनके ऊपर चप्पल तक फेंककर मारी गई। यह कलह सोशल मीडिया से संसद तक चर्चा का विषय बनी, जिसने राजद की एकता पर सवाल उठाए।

साल के अंत में राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' की 150वीं वर्षगांठ पर संसद में हुई चर्चा राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गई। सत्तापक्ष ने बहस के दौरान कांग्रेस पर आरोप लगाया कि नेहरू ने मुस्लिम लीग की मांग पर गीत के छंद हटाकर इसे 'खंडित' किया, जो तुष्टिकरण की राजनीति थी। इससे देश के विभाजन के बीज बोए गए। विपक्ष ने इन आरोपों पर पलटवार किया। कांग्रेस ने टैगोर की सलाह का हवाला देकर कहा कि पहले दो छंद ही अपनाए गए ताकि हिंदू-मुस्लिम एकता बनी रहे। विपक्षी पार्टी ने सरकार के आरोप को बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया।

Point of View

NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

वक्फ अधिनियम 2025 का विवाद क्यों है?
वक्फ अधिनियम 2025 को मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन में बदलाव के लिए लाया गया था, जिसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला माना गया।
2025 में चुनावों की निष्पक्षता पर क्या विवाद हुआ?
विपक्ष ने सरकार पर 'वोट चोरी' का आरोप लगाया, जिससे चुनावी संस्थाओं की निष्पक्षता पर प्रश्न उठे।
ऑपरेशन सिंदूर क्या था?
ऑपरेशन सिंदूर एक भारतीय सैन्य अभियान था, जिसमें पाकिस्तान के ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए।
क्या सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी से राजनीतिक विवाद उत्पन्न हुआ?
जी हां, उनकी गिरफ्तारी ने लद्दाख में चल रहे आंदोलन के दौरान हिंसा को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा किया।
वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर संसद में क्या चर्चा हुई?
सत्तापक्ष ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उन्होंने गीत के छंदों को हटाया, जिससे राजनीतिक विवाद उत्पन्न हुआ।
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