क्या अरुणाचल के कीवी को मिली वैश्विक पहचान, राज्यपाल परनाइक ने संभाला प्रमोशन अभियान?
सारांश
Key Takeaways
- अरुणाचल कीवी की वैश्विक पहचान बढ़ रही है।
- राज्यपाल का अभियान किसानों की मेहनत का सम्मान करता है।
- उत्पादन में अरुणाचल प्रदेश का योगदान 40 प्रतिशत है।
- कीवी की खेती के लिए प्रमुख क्षेत्र पश्चिम कामेंग और लोअर सुबनसिरी हैं।
- राज्य ने ऑर्गेनिक प्रमाणन प्राप्त किया है।
ईटानगर, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल केटी परनाइक (सेवानिवृत्त) लगातार अरुणाचल कीवी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। अधिकारियों के अनुसार, राज्यपाल का यह अभियान केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह किसानों की मेहनत को सम्मान और बेहतर बाजार उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
राज्यपाल परनाइक देश और विदेश के विभिन्न लोगों के साथ जुड़कर अरुणाचल की कृषि क्षमता को प्रमोट कर रहे हैं और राज्य के कीवी उत्पादकों के प्रमुख प्रवक्ता बने हैं।
राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि हर साल राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को विशेष पैक में अरुणाचल कीवी भेजे जाते हैं। इस वर्ष एक नई पहल के तहत, राजभवन ने पहली बार विभिन्न दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को भी अरुणाचल कीवी भेज कर वैश्विक बाजारों में नई संभावनाएं खोजने का प्रयास किया है, जिससे किसानों के लिए निर्यात के नए रास्ते खुल सकें।
अधिकारी ने कहा कि इस पहल से अरुणाचल कीवी के उत्कृष्ट स्वाद और गुणवत्ता का प्रदर्शन होता है, साथ ही यह गर्व भी है कि भारत के कुल घरेलू कीवी उत्पादन में लगभग 40 प्रतिशत योगदान अरुणाचल प्रदेश का है। इसके अतिरिक्त, अरुणाचल प्रदेश कीवी की ऑर्गेनिक प्रमाणन प्राप्त करने वाला भारत का पहला राज्य है, जो राज्य की टिकाऊ और पर्यावरण-सम्मत कृषि पद्धतियों को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल कीवी उपहार में मिलने पर राज्यपाल की सराहना की और कहा कि यह उपहार अरुणाचल प्रदेश की उपजाऊ भूमि, प्राकृतिक संपदा और मेहनती लोगों की पहचान है। मोदी ने कहा कि अरुणाचल का भारत का सबसे बड़ा कीवी उत्पादक बनना राज्य की जनता के संकल्प और परिश्रम का परिणाम है।
उन्होंने राज्य सरकार एवं प्रशासन के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने स्थानीय संसाधनों को अवसरों में बदलते हुए विभिन्न क्षेत्रों में लोगों की ताकत को निखारा है। पीएम मोदी ने कहा कि इन कीवी का स्वाद हमेशा उन्हें अरुणाचल के लोगों के स्नेह, सद्भाव और सहयोग की याद दिलाएगा।
हॉर्टिकल्चर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश ने इस वर्ष 70 लाख किलो से अधिक कीवी उत्पादन किया है, जिसमें लगभग 1,500 किसान 3,582 हेक्टेयर भूमि पर खेती कर रहे हैं। राज्य के प्रमुख कीवी उत्पादन क्षेत्र पश्चिम कामेंग और लोअर सुबनसिरी हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों जैसे दिबांग वैली, अंजाव, शी योमी, तवांग, अपर सुबनसिरी, कुरुंग कु्मेय, केयी पन्योर, कमले, पापुम पारे और अपर सियांग में भी खेती तेजी से फैल रही है।
विशेष रूप से वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत सिंग्गा और गेलिंग में कीवी की खेती शुरू की गई है और इसके अत्यंत प्रोत्साहनजनक परिणाम मिल रहे हैं।
कीवी उत्पादन को प्रोत्साहन देने और किसानों को बाजार से जोड़ने के लिए हॉर्टिकल्चर विभाग, अरुणाचल प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड और केंद्र की एपीडा मिलकर कार्य कर रहे हैं, जिससे किसानों की मेहनत बेहतर अवसरों और स्थायी आय में बदल सके।