क्या आर्यन मान ने दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के प्रेसिडेंट पद पर जीत हासिल की?

सारांश
Key Takeaways
- आर्यन मान ने दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के प्रेसिडेंट पद पर जीत हासिल की।
- उन्होंने एनएसयूआई की जोशलीन को हराया।
- उनकी जीत से हरियाणा के छात्रों में उत्साह है।
- बहादुरगढ़ में जश्न मनाया गया।
- आर्यन की शैक्षणिक यात्रा प्रेरणादायक है।
झज्जर, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में इस बार हरियाणा के युवा आर्यन मान ने प्रेसिडेंट पद पर एक शानदार जीत हासिल की है। एबीवीपी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते हुए, उन्होंने एनएसयूआई की उम्मीदवार जोशलीन को बड़े अंतर से हराया।
आर्यन की इस सफलता ने न केवल दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों में जोश भर दिया है, बल्कि उनके गृहनगर बहादुरगढ़ में भी खुशी की लहर दौड़ गई है। आर्यन मान हरियाणा के झज्जर जिले के बहादुरगढ़ के निवासी हैं, और उनकी जीत के बाद बहादुरगढ़ की गलियों में ढोल-नगाड़ों की गूंज सुनाई दी। लोगों ने लाल चौक पर पटाखे जलाकर मिठाई बांटकर एक-दूसरे को बधाई दी।
स्थानीय निवासियों का मानना है कि आर्यन मान दिल्ली यूनिवर्सिटी में हरियाणा के छात्रों की आवाज को मजबूती से उठाएंगे। उन्हें उम्मीद है कि आर्यन छात्रों की शैक्षणिक समस्याओं का समाधान करेंगे, कैरियर के अवसरों को बढ़ाएंगे और छात्र हित से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे। बहादुरगढ़ नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष रवि खत्री भी इस खुशी के मौके पर शामिल हुए और आर्यन की जीत पर नृत्य कर अपनी खुशी का इजहार किया।
आर्यन मान की शैक्षणिक यात्रा भी प्रेरणादायक रही है। उन्होंने दिल्ली के हंसराज कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और वर्तमान में दिल्ली यूनिवर्सिटी से लाइब्रेरी साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे हैं। उनकी मेहनत और नेतृत्व क्षमता ने छात्रों का विश्वास जीता है। दिल्ली यूनिवर्सिटी में हरियाणा के छात्रों की संख्या बहुत अधिक है, विशेषकर बहादुरगढ़ से हजारों छात्र यहां शिक्षा प्राप्त करने आते हैं। यही कारण है कि छात्र संघ चुनावों में हरियाणा के छात्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आर्यन मान को न केवल बहादुरगढ़ और हरियाणा के छात्रों का समर्थन मिला, बल्कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों के छात्रों ने भी उन्हें भरपूर समर्थन दिया। यही व्यापक समर्थन उनकी जीत का एक महत्वपूर्ण कारण बना। इस बार के चुनाव परिणाम में एबीवीपी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि एनएसयूआई को केवल एक सीट पर संतोष करना पड़ा।
जीत के बाद, एबीवीपी के तीनों विजयी उम्मीदवार पारंपरिक तरीके से जुलूस निकालते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी के आर्ट फैकल्टी पहुंचे। वहां उन्होंने विवेकानंद की मूर्ति पर माल्यार्पण कर अपनी जीत को छात्रों को समर्पित किया और छात्रों के बीच जीत का जश्न मनाया।