क्या रॉबर्ट वाड्रा को विलाप करने की बजाय आत्मचिंतन करना चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- अशोक चौधरी ने रॉबर्ट वाड्रा के बयान का कड़ा जवाब दिया।
- राजनीतिक हार पर आत्मचिंतन की आवश्यकता है।
- बिहार की जनता ने एनडीए को फिर से सत्ता में लाया।
- परिवारिक विवादों को आपसी समाधान से सुलझाया जाना चाहिए।
पटना, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा के उस बयान का जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि बैलेट पेपर से चुनाव होते हैं, तो परिणाम पलट सकते हैं। चौधरी ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा को बेवजह विलाप करने के बजाय आत्मचिंतन करना चाहिए।
पटना में राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान अशोक चौधरी ने कहा कि राजनीति में संघर्ष और आंदोलन स्वाभाविक हैं। लेकिन, हार क्यों हुई? कांग्रेस और वाड्रा को अपनी कार्यप्रणाली और नीतियों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। बेवजह विलाप करने से कुछ हासिल नहीं होगा।
सेना प्रमुख के बयान पर सहमति जताते हुए उन्होंने कहा कि जो देश आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, उसे पानी कैसे दिया जा सकता है। चौधरी ने कहा कि सेना प्रमुख की बात सही है कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत पर मंत्री चौधरी ने कहा कि यह शालीनता और नीतीश कुमार के 20 वर्षों के विकास की जीत है।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने स्पष्ट कर दिया है कि वह राजद को सत्ता में वापस नहीं लाना चाहती। बिहार की जनता ने जंगलराज को नकार दिया और एनडीए को फिर से सत्ता में लाया। इससे स्पष्ट है कि बिहार की जनता को विकास पसंद है।
तेजप्रताप यादव के बहन के अपमान पर चौधरी ने कहा कि यह उनका पारिवारिक मामला है। परिवार के लोग आपस में इसे समझ लेंगे।
लोजपा (रामविलास) सांसद शांभवी चौधरी के डिप्टी सीएम बनने के कयासों को अशोक चौधरी ने नकार दिया है। उन्होंने कहा कि शांभवी चौधरी सांसद हैं, ऐसी खबरें केवल अफवाह हैं।
उन्होंने बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर कहा कि सही समय पर सब कुछ होगा। तिथि अभी तय नहीं की गई है, इसे तय होने के बाद बताया जाएगा।