क्या असम में 16 विपक्षी दलों ने जुबीन गर्ग की मौत की त्वरित न्यायिक जांच की मांग की?

सारांश
Key Takeaways
- 16 विपक्षी दलों की मांग है कि जुबीन गर्ग की मौत की न्यायिक जांच हो।
- बैठक में वित्तीय आरोपों की भी जांच की मांग की गई।
- 19 अक्टूबर को राज्यव्यापी रैली का आयोजन होगा।
- सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है।
- जुबीन गर्ग की शोक लहर असम में फैली हुई है।
गुवाहाटी, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के 16 विपक्षी दलों ने गुवाहाटी में एक संयुक्त बैठक का आयोजन किया। इस दौरान प्रसिद्ध गायक और सांस्कृतिक प्रतीक जुबीन गर्ग की रहस्यमयी मौत की त्वरित और अदालत की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की गई।
इस बैठक का संचालन रायजोर दल के विधायक अखिल गोगोई ने किया। जुबीन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान डूबने से मौत हो गई थी, जहाँ वे नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में प्रदर्शन देने गए थे। सिंगापुर पुलिस ने डूबने को कारण बताया है, लेकिन असम में संदेह के चलते दूसरा पोस्टमॉर्टम कराया गया।
गोगोई ने कहा, "सभी दलों ने सर्वसम्मति से जुबीन की हत्या की न्यायिक जांच, फेस्टिवल आयोजकों पर वित्तीय आरोपों की जांच और सर्वदलीय बैठक की मांग की। 19 अक्टूबर को कलाकारों और नागरिकों के साथ राज्यव्यापी रैली और श्रद्धांजलि कार्यक्रम होगा।"
माकपा विधायक मनोरंजन तालुकदार ने इस बात पर जोर दिया, "उच्च न्यायालय की निगरानी में 90 दिनों में त्वरित जांच हो, वरना यह निष्पक्ष नहीं मानी जाएगी। सरकार ध्यान भटका रही है।"
कांग्रेस नेता अब्दुल खालिक ने कहा, "परिवार की मांग पर उच्च न्यायालय की निगरानी में त्वरित जांच हो, आर्थिक पहलुओं सहित। 19 अक्टूबर को सार्वजनिक श्रद्धांजलि सभा करेंगे।"
शिवसेना असम इकाई के अध्यक्ष राम नारायण सिंह ने आरोप लगाया, "सरकार ने शव संभालने में लापरवाही बरती। हम मांगेंगे कि यह उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की जाए।"
यह पहला संयुक्त विपक्षी मोर्चा है, जो 19 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन का संकेत दे रहा है।
यह ध्यान देने योग्य है कि जुबीन की मौत से असम में शोक की लहर है। जुबीन गर्ग 40 भाषाओं में गीत गाते थे और 'या अली' जैसे गीतों से राष्ट्रीय प्रसिद्धि पाई थी।