क्या असम राइफल्स ने मणिपुर में क्रिसमस पर खुशियों का संचार किया?

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क्या असम राइफल्स ने मणिपुर में क्रिसमस पर खुशियों का संचार किया?

सारांश

मणिपुर में असम राइफल्स द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोहों ने एकता और सामंजस्य का संदेश दिया। इन आयोजनों ने न केवल समुदायों को जोड़ने का कार्य किया, बल्कि राहत केंद्रों में भी खुशियों का संचार किया। जानिए कैसे यह आयोजन सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करता है।

Key Takeaways

  • असम राइफल्स का सामुदायिक कार्यक्रम महत्वपूर्ण है।
  • क्रिसमस समारोह ने सामाजिक ताने-बाने को मजबूत किया।
  • उपहार वितरण से खुशी का माहौल बना।
  • स्थानीय प्रशिक्षकों को सम्मानित करने का आयोजन हुआ।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम ने समुदायों को जोड़ा।

इंफाल, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम राइफल्स ने गुरुवार को मणिपुर के विभिन्न जिलों में क्रिसमस समारोहों का आयोजन किया। इन आयोजनों ने करुणा, सद्भावना और एकता की सच्ची भावना को प्रकट किया।

इस अर्धसैनिक बल द्वारा मणिपुर के कई जिलों में समारोह आयोजित किए गए, जिनमें आदिवासी बहुल चुराचंदपुर, उखरुल, चंदेल, तेंगनुपाल और मैतेई समुदाय बहुल बिष्णुपुर और इंफाल जिले शामिल हैं।

रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि जातीय हिंसा से प्रभावित विस्थापित लोगों (आईडीपी) के शिविरों में उत्सव समारोहों से लेकर दूरस्थ सीमावर्ती गांवों तक पहुंचने जैसी पहलें, सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने और विभिन्न समुदायों के बीच उत्सव की खुशी फैलाने के लिए बनाई गई थीं।

प्रवक्ता ने कहा कि इन आयोजनों में उपहार और मिठाइयों का वितरण किया गया, जिससे राहत केंद्रों और देखभाल गृहों में रहने वालों के लिए खुशी का माहौल बना।

साथ ही, अधिकारियों और सैनिकों ने स्थानीय प्रशिक्षकों का सम्मान करने के लिए खुगा बटालियन मुख्यालय में नागरिक समाज संगठनों के लिए एक सामाजिक संध्या का आयोजन किया।

उत्सव का उत्साह उखरुल तक फैल गया, जहां असम राइफल्स सेंटर ऑफ एजुकेशनल एक्सीलेंस के छात्रों और पुरोहितों ने प्रार्थना, कैरोल और पारंपरिक नृत्य का एक जीवंत कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

बच्चों और ग्रामीणों को उपहार और नाश्ता वितरित किए गए, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बलों और स्थानीय लोगों के बीच संबंध और मजबूत हुए।

यह उत्सव चंदेल जिले के सेहलोन में दो दिवसीय कार्यक्रम के साथ समाप्त हुआ, जिसमें केक काटने, क्षेत्रीय समृद्धि के लिए चर्च में प्रार्थना और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शामिल थीं।

साजिक ताम्पाक और चकपिकारोंग में कर्मचारियों ने घर-घर जाकर उपहारों की टोकरीयां वितरित कीं, जबकि साइबोल जौपी में आयोजित उत्सव मेले में ग्राम प्रमुख और अधिकारी कैरोल गाने और सामुदायिक अलाव जलाने के लिए एकत्रित हुए।

ऐसे त्योहार लोगों को एकजुट करने और उनके बीच सामंजस्य स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और ये आयोजन सांस्कृतिक सद्भाव के लिए उत्प्रेरक का काम करते हैं।

Point of View

बल्कि समुदायों के बीच विश्वास और सहयोग को भी प्रोत्साहित करता है। ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता हमेशा बनी रहती है, विशेषकर जब समाज में विभाजन की चुनौतियाँ सामने आती हैं।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

असम राइफल्स ने किस प्रकार के समारोह आयोजित किए?
असम राइफल्स ने क्रिसमस के अवसर पर विभिन्न जिलों में समारोह आयोजित किए, जिसमें उपहार वितरण और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शामिल थीं।
इन समारोहों का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इन समारोहों का उद्देश्य विभिन्न समुदायों के बीच एकता और सामंजस्य को बढ़ावा देना था।
कौन-कौन से जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए गए?
कार्यक्रम चुराचंदपुर, उखरुल, चंदेल, तेंगनुपाल, बिष्णुपुर और इंफाल जिलों में आयोजित किए गए।
उद्घाटन में क्या विशेष बातें थीं?
उद्घाटन में उपहार वितरण, पारंपरिक नृत्य और प्रार्थना का आयोजन किया गया।
इस प्रकार के आयोजनों का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
ऐसे आयोजन समाज में एकता, सद्भाव और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करते हैं।
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