क्या हमें अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांतों को अपनाना चाहिए? - ज्योतिरादित्य सिंधिया
सारांश
Key Takeaways
- अटल बिहारी वाजपेयी की १०१वीं जयंती का आयोजन
- ज्योतिरादित्य सिंधिया का वाजपेयी के सिद्धांतों को अपनाने का आह्वान
- गृहमंत्री अमित शाह का स्वागत
- अभ्युदय मध्य प्रदेश कार्यक्रम का आयोजन
- वाजपेयी के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं
ग्वालियर, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की १०१वीं जयंती गुरुवार, २५ दिसंबर को है। इस अवसर पर ग्वालियर में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के सिद्धांतों को अपनाने का आह्वान किया है।
गृहमंत्री अमित शाह बुधवार की रात ग्वालियर पहुंच रहे हैं, और इससे पहले सिंधिया ग्वालियर पहुँच चुके हैं। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मध्य प्रदेश और पूरे देश के लिए २५ दिसंबर का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ग्वालियर के सपूत भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत प्रदेश की जनता बड़े उत्साह से कर रही है।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी स्मृति में अभ्युदय मध्य प्रदेश कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उनके सिद्धांत, राष्ट्रीय भावना, अंत्योदय, और विकास की जो भावना थी, उसी के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उनकी जयंती पर सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम सब उनके सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लें।
सिंधिया ने राजघराने और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के रिश्तों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके परिवार का वाजपेयी से का संबंध केवल राजनीतिक नहीं था। उनके साथ राजनीतिक संबंध तो था ही, पारिवारिक संबंध भी था। उनसे एक पीढ़ी नहीं, बल्कि तीन पीढ़ियों का संबंध था। उनके प्रति दिल में एक विशेष संबंध है, जो हमेशा रहेगा क्योंकि वे एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ-साथ एक राष्ट्रव्यापी सोच रखने वाले व्यक्ति थे। वे सच्चे दिल के इंसान थे, मेरे अपने अटल बिहारी वाजपेयी थे, और मैं उन्हें नमन करता हूँ।