क्या अटल जी के विचार आज भी हमारे लिए आदर्श हैं? : सीएम रेखा गुप्ता

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क्या अटल जी के विचार आज भी हमारे लिए आदर्श हैं? : सीएम रेखा गुप्ता

सारांश

दिल्ली में आयोजित अटल बिहारी वाजपेयी की १०१वीं जयंती पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन ने उनकी दूरदर्शिता और विचारों को पुनर्जीवित किया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने उनके योगदान की सराहना की। जानें इस विशेष आयोजन की महत्वपूर्ण बातें।

Key Takeaways

  • अटल बिहारी वाजपेयी की १०१वीं जयंती मनाई गई।
  • दिल्ली में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ।
  • मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अटल जी के विचारों की सराहना की।
  • कार्यक्रम में देशभर के कवियों ने भाग लिया।
  • अटल जी की दूरदर्शिता का उदाहरण प्रस्तुत किया गया।

नई दिल्ली, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की १०१वीं जयंती के अवसर पर हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा भारत मंडपम में एक भव्य राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हिन्दी अकादमी की प्रसिद्ध मासिक पत्रिका “इन्द्रप्रस्थ भारती” के विशेषांक का भी विमोचन किया गया।

कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री, विधायक, प्रख्यात साहित्यकार, देशभर से आए कवि और बड़ी संख्या में काव्य-प्रेमी उपस्थित रहे। इस आयोजन के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी के बाल्यकाल, पत्रकारिता, संसदीय परंपराओं, प्रधानमंत्री कार्यकाल के ऐतिहासिक निर्णयों और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को वृत्तचित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति को मर्यादा, भाषा को संयम और सत्ता को सेवा का माध्यम बनाया। उन्होंने कहा कि यह कवि सम्मेलन केवल कविता का मंच नहीं, बल्कि भारत की आत्मा को समझने का माध्यम है। उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों को आत्मसात कर कार्य करने की सराहना की।

विशिष्ट अतिथि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के विचार आज भी हमारे लिए आदर्श हैं और उनका जीवन दर्शन के समान है। उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो जैसी ऐतिहासिक परियोजना अटल जी की दूरदर्शिता का उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने अटल जी की प्रसिद्ध पंक्तियां उद्धृत करते हुए कहा, “बाधाएं आती हैं आएं, घोर प्रलय की घोर घटाएं… कदम मिलाकर चलना होगा।

कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि २५ दिसंबर का दिन विशेष है क्योंकि यह कवि-मन और महामन दोनों के जन्म का दिन है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के विचार आज भी देश को दिशा दे रहे हैं। उन्होंने उपस्थित कवियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस मंच पर वही कवि उपस्थित हैं जिन्होंने स्वयं अटल जी के समक्ष काव्य-पाठ किया था।

राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में देश के प्रसिद्ध कवियों ने ओज, हास्य और व्यंग्य से भरपूर काव्य-पाठ कर अटल बिहारी वाजपेयी जी को भावपूर्ण काव्यांजलि अर्पित की। पूरा सभागार तालियों की गूंज से गूंज उठा।

Point of View

जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों को पुनः जीवित किया गया। ऐसे कार्यक्रम न केवल साहित्यिक महत्त्व रखते हैं, बल्कि वे हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोते हैं।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती कब है?
अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती २५ दिसंबर को मनाई जाती है।
इस कवि सम्मेलन में कौन-कौन शामिल हुए?
इस कवि सम्मेलन में दिल्ली सरकार के मंत्री, विधायक, साहित्यकार और कवि शामिल हुए।
कवि सम्मेलन का उद्देश्य क्या था?
कवि सम्मेलन का उद्देश्य अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों को मान्यता देना और उनकी उपलब्धियों को उजागर करना था।
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