क्या अगस्त में मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत से अधिक रहने के कारण इस वर्ष ब्याज दरों में कटौती मुश्किल है?

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क्या अगस्त में मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत से अधिक रहने के कारण इस वर्ष ब्याज दरों में कटौती मुश्किल है?

सारांश

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अगस्त में मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत से अधिक रहने के कारण अक्टूबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं है। एसबीआई रिसर्च के अनुसार, बाजार की स्थिति और जीएसटी दरों में बदलाव के प्रभाव से मुद्रास्फीति में कमी की उम्मीद है।

Key Takeaways

  • अगस्त में मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत से अधिक रही है।
  • ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम है।
  • जीएसटी में बदलाव से खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति कम हो सकती है।
  • भारत की कोर मुद्रास्फीति बढ़कर 4.16 प्रतिशत हो गई है।
  • खरीफ की बुवाई में वृद्धि हुई है, लेकिन बारिश से बाधित हो सकती है।

नई दिल्ली, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एसबीआई रिसर्च द्वारा प्रस्तुत एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त में मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत से थोड़ी अधिक रहने के कारण अक्टूबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं है। इसके अतिरिक्त, यदि पहली तिमाही की विकास दर और दूसरी तिमाही के अनुमानित आंकड़ों पर विचार किया जाए, तो दिसंबर में भी ब्याज दरों में कटौती करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि लगभग 295 आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत या शून्य कर दिया गया है। इस कारण खाद्य वस्तुओं पर 60 प्रतिशत पास-थ्रू प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, इस श्रेणी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2026 में 25-30 आधार अंकों तक कम हो सकती है।

अतिरिक्त रूप से, सेवाओं के जीएसटी दरों को रेशनलाइज करने से अन्य वस्तुओं और सेवाओं पर सीपीआई मुद्रास्फीति में 40-45 आधार अंकों की और कमी हो सकती है, क्योंकि 50 प्रतिशत पास-थ्रू प्रभाव होने की उम्मीद है।

एसबीआई रिसर्च ने कहा, "कुल मिलाकर, हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 26-27 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति 65-75 आधार अंकों के दायरे में रह सकती है।"

भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति, जो इस वर्ष जुलाई में 98 महीनों के निचले स्तर 1.61 प्रतिशत पर आ गई थी, अगस्त में मामूली वृद्धि के साथ 2.07 प्रतिशत पर पहुंच गई है। ऐसा खाद्य एवं पेय पदार्थों की मुद्रास्फीति में वृद्धि के कारण हुआ है, जो पिछले 2 महीने से नकारात्मक थी।

सब्जियों की कीमतें नकारात्मक क्षेत्र में बनी रहीं, हालांकि अगस्त में मामूली वृद्धि के साथ -15.92 प्रतिशत पर पहुंच गईं।

दालों की कीमतों में -14.53 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मसालों की कीमतों में भी अगस्त में गिरावट देखी गई। फलों की मुद्रास्फीति भी घटकर 11.65 प्रतिशत रह गई, जबकि तेल और वसा की सीपीआई बढ़कर 21.24 प्रतिशत हो गई।

भारत की कोर मुद्रास्फीति फिर से बढ़कर 4.16 प्रतिशत हो गई। ग्रामीण और शहरी दोनों उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति अगस्त में बढ़कर 1.69 प्रतिशत और 2.47 प्रतिशत हो गई, जबकि जुलाई में यह क्रमशः 1.18 प्रतिशत और 2.10 प्रतिशत थी।

राज्यवार मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पता चलता है कि 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 26 में मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत से कम दर्ज की गई है।

केवल केरल और लक्षद्वीप ही ऐसे हैं, जहां मुद्रास्फीति दर 6 प्रतिशत से अधिक रही।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में इस मौसम में खरीफ की बुवाई पिछले वर्ष की तुलना में 2.5 प्रतिशत अधिक क्षेत्र में हुई है, लेकिन कई हफ्तों तक हुई मूसलाधार बारिश के कारण यह लाभ खत्म होने का खतरा है। अगस्त से 11 सितंबर के बीच पूरे देश में लगभग 8.7 प्रतिशत वर्षा रिकॉर्ड की गई।

Point of View

मुद्रास्फीति की वर्तमान स्थिति और आर्थिक विकास दर के संदर्भ में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बेहद कम है। यह स्थिति न केवल उपभोक्ताओं के लिए, बल्कि समग्र आर्थिक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
13/09/2025

Frequently Asked Questions

ब्याज दरों में कटौती की संभावना क्या है?
अगस्त में मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत से अधिक होने के कारण ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम है।
जीएसटी दरों में बदलाव का क्या प्रभाव पड़ेगा?
जीएसटी दरों में बदलाव से खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में कमी आने की संभावना है।
भारत में मुद्रास्फीति की वर्तमान दर क्या है?
अगस्त में भारत की मुद्रास्फीति 2.07 प्रतिशत दर्ज की गई है।
क्या सब्जियों की कीमतों में वृद्धि हुई है?
हाँ, सब्जियों की कीमतें अगस्त में मामूली वृद्धि के साथ -15.92 प्रतिशत पर पहुंच गई हैं।
भारत में खरीफ की बुवाई की स्थिति क्या है?
इस मौसम में खरीफ की बुवाई पिछले वर्ष की तुलना में 2.5 प्रतिशत अधिक हुई है।