क्या अयोध्या के संतों ने कोठारी बंधुओं और कारसेवकों को याद किया?

Click to start listening
क्या अयोध्या के संतों ने कोठारी बंधुओं और कारसेवकों को याद किया?

सारांश

अयोध्या में आज साधु-संतों ने कोठारी बंधुओं और कारसेवकों के बलिदान को याद किया। इस दिन को 'ॐ शांति' का पाठ कर मनाया गया। क्या यह दिन अयोध्या के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा?

Key Takeaways

  • अयोध्या में साधु-संतों का बलिदान दिवस मनाया गया।
  • कोठारी बंधुओं और कारसेवकों के लिए 'ॐ शांति' का पाठ किया गया।
  • सुरक्षा व्यवस्था चप्पे-चप्पे पर तैनात की गई थी।

अयोध्या, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रामनगरी अयोध्या में आज का दिन साधु-संतों, कोठारी बंधुओं और कारसेवकों के बलिदान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। विवादित ढांचे को गिराने वाले कोठारी बंधुओं और कारसेवकों की याद में आज 'ॐ शांति' का पाठ किया गया।

संत विष्णु दास जी महाराज ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि 6 दिसंबर को हम उन कोठारी बंधुओं और राम भक्तों के बलिदान को याद करते हैं, जो विवादित ढांचा गिराने में शामिल थे। उनके लिए हम 'ॐ शांति' का पाठ कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "आज का दिन हमारे लिए ऐतिहासिक है। 6 दिसंबर को याद करके हम भावुक हो जाते हैं। आज बड़ी संख्या में लोग अयोध्या की पवित्र सरयू नदी में स्नान के बाद हनुमानगढ़ी मंदिर में भगवान हनुमान जी से आज्ञा लेने के बाद रामलला के दर्शन कर रहे हैं।"

उन्होंने यह भी बताया कि अयोध्या में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है।

स्वामी हरेकृष्ण महाराज ने कहा कि 6 दिसंबर एक ऐतिहासिक दिन है, जिसे कोठारी बंधुओं और कारसेवकों के बलिदान दिवस के रूप में गहरी भावनाओं के साथ याद किया जाता है। उनका मानना है कि आज उनकी आत्माओं को सच्ची श्रद्धांजलि मिल रही होगी।

उन्होंने कहा, "कोठारी बंधुओं और कारसेवकों ने राम मंदिर के लिए अपना बलिदान दिया, तब जाकर आज यह दिन देखने को मिला है। आज अयोध्या धाम साक्षात परमात्मा के घर जैसा है।"

स्वामी हरेकृष्ण महाराज ने यह भी कहा कि पहले अयोध्या में परिस्थितियां विकट थीं। न ठहरने की व्यवस्था थी और न चलने के लिए रास्ते। आज अयोध्या की दशा बदल चुकी है।

6 दिसंबर 1992 को रामभक्तों ने विवादित ढांचे को ध्वस्त कर दिया था। देश की सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन होगा।

Point of View

जो हमें हमारे इतिहास से जोड़ती है। ऐसे आयोजन न केवल धार्मिक मूल्यों को बढ़ाते हैं, बल्कि सामाजिक एकता को भी प्रोत्साहित करते हैं।
NationPress
06/12/2025

Frequently Asked Questions

कोठारी बंधुओं का बलिदान क्यों महत्वपूर्ण है?
कोठारी बंधुओं का बलिदान अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के संघर्ष का प्रतीक है और यह धार्मिक भावनाओं का प्रतीक भी है।
6 दिसंबर को अयोध्या में क्या होता है?
6 दिसंबर को अयोध्या में साधु-संतों द्वारा बलिदान दिवस मनाया जाता है, जिसमें विशेष पूजा और पाठ का आयोजन होता है।
क्या अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होती है?
हां, अयोध्या में विशेष अवसरों पर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ी बनाई जाती है।
Nation Press