क्या अखिलेश यादव से आजम खान की मुलाकात में राजनीतिक चर्चा हुई?
सारांश
Key Takeaways
- राजनीतिक चर्चा में महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार किया गया।
- बिहार की चुनावी स्थिति को लेकर चिंताएं व्यक्त की गईं।
- राजनीतिक व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया गया।
- आजम खान ने अपने अनुभवों से सीखने का महत्व बताया।
- अदालतों से इंसाफ की उम्मीद जताई गई।
लखनऊ, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के पूर्व विधायक आजम खान ने शुक्रवार को पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से भेंट की। इस मुलाकात के बाद आजम खान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अखिलेश यादव के साथ राजनीतिक चर्चा हुई।
आजम खान ने कहा कि जब राजनीति में सक्रिय दो नेता मिलते हैं, तो स्वाभाविक रूप से राजनीतिक बातें होती हैं। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में कहा कि वहां चुनाव का माहौल है। मैं वहां जाना चाहता हूं, लेकिन असुरक्षित परिस्थितियों में नहीं, जंगलराज में नहीं जाना चाहता।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। बिहार में बादशाह से लेकर वजीरों तक कह रहे हैं कि वहां जंगलराज है। एक प्रदेश को जंगल कहना, आज के समय में शायद उचित नहीं है। उस जंगलराज में अगर मैं अकेला जाऊंगा, तो आपने देखा है कि वहां पर हत्या किस प्रकार हुई है। मुझे जबरदस्ती रेल की पटरी पर अपना सिर नहीं रखना है। इस बार लोग बिहार में ऐतिहासिक बदलाव की बात कर रहे हैं।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सभी लोगों को मुझसे सबक लेना चाहिए और मेरे अंजाम से सीख लेना चाहिए।
आजम खान ने भावुकता के साथ कहा कि मेरे साथ हुए ऐतिहासिक अन्यायों के बावजूद इस धरती पर अब भी कुछ लोग जीवित हैं और रहेंगे, जिनकी सहनशक्ति पत्थर या पहाड़ से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी होती है कि जो लोग पहले उन्हें गलत समझते थे, आज धीरे-धीरे सच्चाई को पहचानने लगे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि अदालतों से इंसाफ मिले, यही हमारी उम्मीद है। जितनी एजेंसियां हैं, सबने मेरे घर में छापा मारा था। मेरा मानना है कि राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है।