क्या बी. सुदर्शन रेड्डी विपक्ष के उम्मीदवार हैं, किसी के पिट्ठू बनकर नहीं रहेंगे? : टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद

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क्या बी. सुदर्शन रेड्डी विपक्ष के उम्मीदवार हैं, किसी के पिट्ठू बनकर नहीं रहेंगे? : टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद

सारांश

उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी के नामांकन के साथ 'इंडिया' ब्लॉक ने शक्ति प्रदर्शन किया। टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने उनकी जीत की उम्मीद जताई, यह चुनाव लोकतंत्र की सच्चाई के लिए महत्वपूर्ण है। जानें इस चुनाव की अहमियत और विपक्ष की रणनीति।

Key Takeaways

  • बी. सुदर्शन रेड्डी विपक्ष के उम्मीदवार हैं।
  • टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने जीत का भरोसा जताया।
  • उपराष्ट्रपति चुनाव में विचारधारा की लड़ाई है।
  • इस चुनाव में 80 सांसदों ने समर्थन दिया।
  • न्यायमूर्ति रेड्डी की उम्मीदवारी संविधान के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाती है।

नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी के नामांकन के दिन 'इंडिया' ब्लॉक ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। विपक्ष की ओर से घोषित उम्मीदवार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी ने गुरुवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत का भरोसा जताया।

पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी के बारे में टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "हमें जीत का पूरा भरोसा है। वह एक अच्छे इंसान हैं। उन्होंने हमेशा संविधान के दायरे में रहकर काम किया है। वह हमारे विपक्ष के उम्मीदवार हैं और किसी के पिट्ठू बनकर नहीं रहेंगे। जैसा कि हम चाहते हैं, संविधान सभी को बोलने और अपनी बात कहने का समान अधिकार देता है।"

उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सीपीआईएम सांसद राजा राम सिंह ने कहा कि यह लड़ाई विचारधारा की है। उन्होंने कहा, "यह लड़ाई सिर्फ जीत-हार की नहीं है। यह इस विचारधारा की लड़ाई है कि कौन-सी ताकतें लोकतंत्र और संविधान के पक्ष में हैं और कौन-सी ताकतें इनके खिलाफ हैं। यह इसी अंतर की लड़ाई है।"

बी. सुदर्शन रेड्डी ने गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कहा कि उनकी उम्मीदवारी संविधान के मूल्यों और भारत के लोकतंत्र की मजबूती के प्रति प्रतिबद्धता है। उन्होंने बयान दिया, "मुझे विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने का सौभाग्य मिला। मैंने यह काम पूरी विनम्रता, जिम्मेदारी और हमारे संविधान में निहित मूल्यों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ किया है।"

न्यायमूर्ति रेड्डी (सेवानिवृत्त) का नामांकन कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राकांपा-सपा प्रमुख शरद पवार और द्रमुक नेताओं सहित अन्य वरिष्ठ विपक्षी नेताओं की उपस्थिति में दाखिल किया गया। विभिन्न दलों के 80 सांसदों ने उनके नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

न्यायमूर्ति रेड्डी (सेवानिवृत्त) का मुकाबला एनडीए के सी.पी. राधाकृष्णन से होगा, जो महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल और तमिलनाडु के वरिष्ठ भाजपा नेता हैं। चुनाव 9 सितंबर को होना है।

Point of View

यह चुनाव केवल एक उम्मीदवार की जीत-हार नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों की रक्षा का एक महत्वपूर्ण क्षण है। हमें यह समझना होगा कि चुनाव का परिणाम न केवल राजनीतिक शक्तियों को प्रभावित करेगा, बल्कि आम जनता की आवाज़ और अधिकारों को भी सुनिश्चित करेगा।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

बी. सुदर्शन रेड्डी कौन हैं?
बी. सुदर्शन रेड्डी एक सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हैं, जो विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकित हुए हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव कब होंगे?
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को आयोजित किए जाएंगे।
टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद का क्या कहना है?
कीर्ति आजाद ने बी. सुदर्शन रेड्डी की जीत का पूरा भरोसा जताया है।
बी. सुदर्शन रेड्डी का मुकाबला किससे होगा?
उनका मुकाबला एनडीए के सी.पी. राधाकृष्णन से होगा।
इस चुनाव का महत्व क्या है?
यह चुनाव लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।