क्या पीएम मोदी और सीएम नीतीश बाबासाहेब के सपने को पूरा करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर का योगदान अतुलनीय है।
- सीएम नीतीश कुमार और पीएम मोदी लगातार उनके सपनों को साकार करने में जुटे हैं।
- महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि देने का महत्व है।
- समानता और सामाजिक न्याय के लिए बाबासाहेब के विचार प्रासंगिक हैं।
- शिक्षा और समानता के मूल्यों को अपनाने की आवश्यकता है।
पटना, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर कहा कि पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार लगातार बाबासाहेब के सपने को साकार करने के लिए प्रयासरत हैं।
डिप्टी सीएम ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार सहित कई लोग बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे हैं। बाबासाहेब ने भारत को उसका संविधान प्रदान किया और हाशिए पर पड़े समुदायों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास शुरू किया। हम उनके बताए मार्ग पर चल रहे हैं।
डिप्टी सीएम ने एक्स पोस्ट के माध्यम से लिखा, ‘भारत रत्न बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर पटना में आयोजित राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ शामिल होकर उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर चरण वंदन किया। भारतीय संविधान का निर्माण और देश के लिए उनके योगदान अतुलनीय है, जिसे पीढ़ियां सदैव याद रखेंगी। पुण्य स्मरण।'
उन्होंने लिखा, “भारतीय संविधान के शिल्पकार, महान समाज सुधारक, प्रख्यात विधिवेत्ता और भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। समाज में समानता, न्याय और अधिकारों के लिए आपका अमूल्य योगदान सदैव प्रेरणा स्रोत रहेगा।” बिहार विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार ने कहा, “समानता, शिक्षा और सामाजिक न्याय की मजबूत नींव रखने वाले बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को महापरिनिर्वाण दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि। उनके विचार आज भी एक समतामूलक समाज के निर्माण का मार्ग दिखाते हैं।”
प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, “शिक्षा, समानता और सामाजिक न्याय के मूल्यों पर आधारित बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की विचारधारा ने हमारे संविधान को न केवल एक विधिक दस्तावेज बनाया, बल्कि प्रत्येक नागरिक के अधिकारों, सम्मान और अवसरों की रक्षा करने वाली एक सशक्त आधारशिला भी प्रदान की। आइए, उनके अमूल्य विचार को समझकर एक सशक्त समाज के निर्माण में अपना योगदान दें।”
मस्जिदों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने पर उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता कि इस पर कोई आपत्ति या विरोध होगा और सरकार को कानून को अपना काम करने देना चाहिए।
एक सवाल के जवाब में कहा कि जो लोग गीता में विश्वास रखते हैं, वे बहुत खुश होंगे अगर इसे स्कूलों में शामिल किया जाए और देश का एक बड़ा हिस्सा इसकी सराहना करेगा।