क्या आपके नन्हें-मुन्ने मोटापे की गिरफ्त में हैं? इन स्वस्थ आदतों से बचाएं बचपन

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क्या आपके नन्हें-मुन्ने मोटापे की गिरफ्त में हैं? इन स्वस्थ आदतों से बचाएं बचपन

सारांश

समय के साथ बच्चों में बढ़ते मोटापे की समस्या ने सभी को चिंतित कर दिया है। जानें कैसे स्वस्थ आदतें अपनाकर हम अपने बच्चों को इस खतरे से बचा सकते हैं।

Key Takeaways

  • स्वस्थ खानपान अपनाएं, जैसे ताजे फल और हरी सब्जियां।
  • स्क्रीन टाइम को सीमित करें और बच्चों को खेल के मैदान में भेजें।
  • रोजाना व्यायाम करें, जैसे दौड़ना या खेलना।
  • परिवार के साथ खाना खाने की आदत डालें।
  • बच्चों में जागरूकता बढ़ाएं, ताकि वे स्वस्थ विकल्प चुनें।

नई दिल्ली, 8 जुलाई 2025 (राष्ट्र प्रेस) आज के समय में बच्चों में मोटापे की वृद्धि एक गंभीर समस्या बन चुकी है। स्क्रीन टाइम, गैजेट्स पर निर्भरता और आउटडोर खेलों से दूरी की वजह से बच्चे छोटी उम्र में ही मोटापे का शिकार हो रहे हैं। बच्चों को मोटापे से बचाने के लिए स्वस्थ आदतें अपनाना अत्यंत आवश्यक है।

आजकल के बच्चों में मोटापे का बढ़ता स्तर एक बड़ी समस्या है, जिसका मुख्य कारण शारीरिक गतिविधियों में कमी है। मोटापे से बचने के लिए प्रारंभिक कदम उठाना जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम और जागरूकता से बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, आज की पीढ़ी में बच्चों की आदतों में आए बदलाव के कारण वे अपनी पिछली पीढ़ी की तुलना में बीमारियों और मोटापे के जोखिम में हैं। असल में, पुरानी पीढ़ी की जीवनशैली बच्चों को मोटापे से बचाने में सक्षम थी। पहले बच्चे इंटरनेट के प्रभाव से दूर रहते थे और कई खेल खेलते थे, जैसे कबड्डी, खो-खो, गेटिस, पकड़ा-पकड़ी, लंगड़ी, गिल्ली-डंडा, आदि। ये सभी खेल बच्चों को भरपूर शारीरिक गतिविधि देते थे, जिससे उनका वजन नियंत्रित रहता था और वे स्वस्थ रहते थे। हालांकि, आज बच्चे मोबाइल और लैपटॉप जैसे गैजेट्स में उलझ कर रह गए हैं।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के मुताबिक, भारत में 1.4 करोड़ से ज्यादा बच्चे मोटापे से प्रभावित हैं, जो कि विश्व में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर मोटे बच्चों को स्वस्थ माना जाता है, लेकिन यह सच नहीं है और बच्चों में बढ़ता मोटापा एक बड़ी चिंता का विषय है।

नेशनल हेल्थ मिशन का सुझाव है कि बच्चों में मोटापे की समस्या को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अनुसार, स्क्रीन टाइम सीमित कर बच्चों को खेल के मैदान में भेजें, प्रोसेस्ड फूड की जगह घर का ताजा खाना, फल और विशेष रूप से हरी सब्जियां खिलाएं। चीनी और मैदा की मात्रा कम करें, बाहर का खाना बंद करें और परिवार के साथ बैठकर खाने की आदत डालें।

न केवल भारत, बल्कि अमेरिका में भी बच्चों में मोटापा एक बड़ी समस्या है। जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में अमेरिकी बच्चों में मोटापा बढ़ा है, जिससे बीमारियों और मृत्यु का खतरा बढ़ गया है। साल 2002 से अब तक 170 से ज्यादा स्वास्थ्य पहलुओं पर आठ नेशनल डेटा सेट के विश्लेषण से यह बात सामने आई है।

मोटापा भारतीयों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य जोखिम है। बड़े लोगों में मोटापा टाइप-2 डायबिटीज, हृदय रोग और फैटी लीवर जैसी बीमारियों को बढ़ावा देता है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि आज के बच्चों में मोटापे की समस्या एक गंभीर चिंता का विषय है। यह न केवल उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि उनके भविष्य को भी खतरे में डालता है। हमें एकजुट होकर बच्चों के लिए स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

बच्चों में मोटापे के मुख्य कारण क्या हैं?
बच्चों में मोटापे के मुख्य कारणों में शारीरिक गतिविधि की कमी, स्क्रीन टाइम की अधिकता, और अस्वास्थ्यकर आहार शामिल हैं।
बच्चों को मोटापे से कैसे बचाया जा सकता है?
बच्चों को मोटापे से बचाने के लिए नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और स्क्रीन टाइम को सीमित करना आवश्यक है।
क्या मोटा होना बच्चों के लिए स्वास्थ्य जोखिम है?
हां, मोटा होना बच्चों के लिए कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि डायबिटीज और हृदय रोग।