क्या बच्चू कडू को सरकारी अधिकारी पर हमले के लिए 3 महीने की कैद मिली?

सारांश
Key Takeaways
- बच्चू कडू को एक सरकारी अधिकारी पर हमले के लिए सजा मिली।
- यह मामला 26 सितंबर 2018 का है।
- उन्हें तीन महीने की कैद और 10,000 रुपए का जुर्माना हुआ।
- अदालत ने कहा कि विधायक होने का यह मतलब नहीं कि आपको हमला करने का लाइसेंस है।
- यह फैसला कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तर पर बड़ा झटका है।
मुंबई, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व विधायक ओमप्रकाश बाबाराव उर्फ बच्चू कडू को एक पुराने मामले में गंभीर झटका लगा है। मुंबई की सेशन कोर्ट ने उन्हें एक सरकारी अधिकारी पर हमला करने के मामले में तीन महीने की कैद और 10,000 रुपए का जुर्माना
यह मामला 26 सितंबर 2018 का है, जब बच्चू कडू ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तत्कालीन निदेशक और आईएएस अधिकारी प्रदीप पी. के कार्यालय में पहुंचकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया और हमला किया।
कोर्ट ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोकसेवक को कर्तव्य पालन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल प्रयोग) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी पाया। हालांकि, उन्हें जानबूझकर अपमान करने के आरोप से बरी कर दिया गया।
कोर्ट ने उच्च न्यायालय में अपील दायर करने तक कडू की सजा को निलंबित कर दिया और उन्हें जमानत दे दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सत्यनारायण नवंदर ने कहा, "विधायक होने का मतलब यह नहीं कि आपको हमला करने का लाइसेंस मिल जाता।" अदालत ने यह भी कहा कि सरकारी विभागों के कामकाज पर शिकायतें हो सकती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई जनप्रतिनिधि सीधे अधिकारी पर हमला करे या उसे धमकाए।
बच्चू कडू, जो कभी विधायक रहे हैं, वर्तमान में प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं और महाराष्ट्र की राजनीति में एक मुखर नेता के रूप में जाने जाते हैं। यह फैसला उनके लिए कानूनी और राजनीतिक स्तर पर बड़ा झटका माना जा रहा है।