क्या बच्चों और महिलाओं के लिए समय पर वैक्सीनेट होना जरूरी है?

सारांश
Key Takeaways
- समय पर वैक्सीनेशन बच्चों और महिलाओं के लिए अत्यंत आवश्यक है।
- यह सामूहिक स्वास्थ्य की रक्षा करता है।
- भ्रूण और नवजात शिशुओं के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
- महिलाओं के लिए समयानुसार विभिन्न वैक्सीनेशन की आवश्यकता होती है।
- नियमित जांच और कैलेंडर का अनुसरण करना महत्वपूर्ण है।
नोएडा, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बच्चों और महिलाओं के लिए समय पर वैक्सीनेशन अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि हार्ड इम्यूनिटी का विकास भी करता है। विशेष रूप से, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन जानलेवा बीमारियों से बचाव का एक प्रभावी उपाय है। नोएडा के सीएचसी भंगेल की सीनियर मेडिकल ऑफिसर और महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. मीरा पाठक ने इस विषय पर विस्तृत जानकारी साझा की।
डॉ. मीरा पाठक ने कहा, "नवजात शिशुओं का इम्यून सिस्टम विकसित हो रहा होता है। ऐसे में वैक्सीन उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं, जिससे गंभीर बीमारियों से बचाव होता है। कोविड-19 के दौरान वैक्सीनेशन में कमी के कारण मीजल्स और खांसी जैसी समस्याएं बड़े स्तर पर देखी गईं। समय पर वैक्सीनेशन इन बीमारियों को रोकने का एक महत्वपूर्ण उपाय है। वैक्सीन का कार्य बच्चों को उन बीमारियों से बचाना है, क्योंकि वैक्सीन के कारण उनका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और उन्हें बीमारियों से सुरक्षा मिलती है।"
डॉ. पाठक ने कहा, "प्रत्येक बीमारी के लिए टीकों की डोज, अंतराल और आयु सीमा भिन्न होती है। कई बीमारियों के लिए मल्टी डोजेज की आवश्यकता होती है। किस बीमारी में कितनी डोज लगेगी, यह रिसर्च के अनुसार निर्धारित होता है। गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज और थायरॉइड की समस्याएं खतरा बढ़ा सकती हैं। कोविड-19 के समय यह देखा गया था कि कई लोगों में मीजल्स की समस्याएं आई थीं। नियमित रक्त शुगर की जांच और संतुलित आहार आवश्यक है। थायरॉइड के लिए, हाइपोथायरॉइडिज्म भ्रूण के विकास पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। दवाओं और आयोडीन युक्त आहार की सलाह दी जाती है।"
कामकाजी माता-पिता के लिए बच्चों के वैक्सीनेशन शेड्यूल का प्रबंधन करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। डॉ. पाठक सुझाव देती हैं कि माता-पिता अपने बाल रोग विशेषज्ञ के साथ मिलकर एक वैक्सीनेशन कैलेंडर बनाएं। वैक्सीनेशन का समय बच्चों की उम्र और रोगों के जोखिम के आधार पर निर्धारित किया जाता है। नियमित जांच के दौरान वैक्सीन को प्राथमिकता दें और छूटे टीकों के लिए तुरंत अपॉइंटमेंट लें। यदि कोई टीका छूट जाए, तो डॉक्टर से सलाह लेकर कैच-अप शेड्यूल बनाएं, ताकि बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। समय पर वैक्सीनेशन न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य, बल्कि सामुदायिक प्रतिरक्षा (हर्ड इम्यूनिटी) को भी बढ़ाता है।
हर्ड इम्यूनिटी, जिसे सामूहिक प्रतिरक्षा भी कहा जाता है, तब होती है जब किसी आबादी का एक बड़ा हिस्सा किसी बीमारी से इम्यून हो जाता है। इससे उस बीमारी का प्रसार सीमित हो जाता है। यह आमतौर पर वैक्सीनेशन या प्राकृतिक संक्रमण के माध्यम से होता है। जब पर्याप्त लोग प्रतिरक्षित हो जाते हैं, तो बीमारी के फैलने की संभावना कम हो जाती है।
महिलाओं को जीवन के विभिन्न चरणों में विशेष वैक्सीनेशन की आवश्यकता होती है। किशोरावस्था में एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर से बचाव करती है। गर्भावस्था में टीडीएपी (टेटनस, डिप्थीरिया, पर्टुसिस) और फ्लू वैक्सीनेशन शिशु को जन्म के शुरुआती महीनों में सुरक्षा प्रदान करते हैं। मेनोपॉज के दौरान शिंगल्स और न्यूमोकोकल वैक्सीन निमोनिया और अन्य जटिलताओं से बचाने में सहायक होते हैं।
डॉ. पाठक ने कहा, "गर्भवती महिलाओं को अपने डॉक्टर से नियमित जांच और वैक्सीनेशन शेड्यूल पर चर्चा करनी चाहिए।"