क्या रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी से सहारनपुर के किसानों की खुशहाली बढ़ेगी?

सारांश
Key Takeaways
- किसानों की आय में बढ़ोतरी होने की उम्मीद।
- कुसुम उत्पादकों को सबसे अधिक लाभ।
- सरकार को खाद और बीज की उपलब्धता पर ध्यान देना चाहिए।
- किसानों ने मेहनत करने का फैसला किया।
- एमएसपी में वृद्धि का दीर्घकालिक प्रभाव होगा।
सहारनपुर, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने रबी विपणन सत्र 2026-27 के लिए सभी प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की है, जिसके चलते उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के किसानों ने मिश्रित प्रतिक्रियाएँ दी हैं। किसानों ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को धन्यवाद दिया है।
केंद्र सरकार ने गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों-राई और कुसुम के एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है। इस बढ़ोतरी का सबसे बड़ा लाभ कुसुम उत्पादकों को हुआ है, जिसके एमएसपी में 600 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है, जबकि मसूर में 300 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है।
सरकार का कहना है कि यह निर्णय किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर बेहतर लाभ प्रदान करेगा। सहारनपुर के किसानों ने इस एमएसपी वृद्धि का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उनकी आय में निश्चित रूप से बढ़ोतरी होगी और वे अधिक उपज उत्पादन के लिए प्रेरित होंगे।
किसानों का कहना है कि एमएसपी में बढ़ोतरी सराहनीय है, लेकिन उन्हें अब भी पर्याप्त मात्र में खाद और बीज नहीं मिल रहा है। किसानों ने सरकार से अनुरोध किया है कि अच्छे दाम के साथ-साथ समय पर और उचित दरों पर कृषि संबंधी वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि एमएसपी वृद्धि का लाभ पूरी तरह से मिल सके और किसान अपनी उपज को सफलतापूर्वक बढ़ा सकें।
किसानों ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "अब हमें अच्छा लाभ मिलेगा। सरकार ने फसलों के दाम अच्छे किए हैं। इससे हमें फायदा होगा। हम और मेहनत से काम करेंगे।"
किसानों ने यह भी कहा कि अगर उन्हें अधिक लाभ मिलेगा तो वे कई प्रकार की फसलें उगा सकेंगे, जबकि पहले लाभ कम होने के कारण वे कम फसलें लगाते थे। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में की गई बढ़ोतरी के लिए सरकार का धन्यवाद करते हैं।