क्या बालासाहेब थोराट ने महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी की आशंका व्यक्त की?

सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग पर गड़बड़ी के आरोपों की जांच होनी चाहिए।
- विपक्ष की एकता लोकतंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है।
- ईवीएम की सुरक्षा और पारदर्शिता पर चर्चा की जानी चाहिए।
पुणे, ११ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग पर गड़बड़ी के आरोपों को लेकर विपक्ष की 'इंडिया' ब्लॉक सोमवार को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने जा रही है। कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात ने महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी की आशंका दोहराई।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए बालासाहेब थोरात ने कहा, "देवेंद्र फडणवीस कहते हैं कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने लगभग चार बार कहा था कि ईवीएम हैक करके दिखाओ, लेकिन यह संभव नहीं हुआ। बीच में आपने जो आपत्ति जताई थी, वह डिजिटल डेटा को लेकर थी, जिसे चुनाव आयोग डिलीट कर रहा है।"
चुनाव आयोग की ओर से वास्तव में क्या कदम उठाए जा रहे हैं? इस पर जब बालासाहेब थोराट से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "पहला, यदि मैंने अपने 14 बूथ पर रि-काउंटिंग मांगी, तो आयोग ने यह निर्णय लिया कि आपको रि-काउंटिंग नहीं मिलेगी, वीवीपैट की पर्चियां नहीं गिनी जाएंगी। दूसरा, मुझे बताया गया कि दो मशीनें आपके सामने रखी जाएंगी। एक में आप मतदान करें और दूसरी में देखें कि संख्या सही आती है या नहीं। हमने पैसे वापस ले लिए, इसका क्या फायदा? इन सभी चीजों पर संदेह होता है।"
इस वर्ष बिहार में चुनाव होने वाले हैं। चुनाव आयोग ने बिहार की मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराया है, जिसका विपक्ष विरोध कर रहा है। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आयोग पर बिहार मतदाता सूची में गड़बड़ी करने की आशंका व्यक्त की।
वहीं, ७ अगस्त को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयोग पर पूर्व महाराष्ट्र, हरियाणा विधानसभा और २०२४ लोकसभा चुनाव में धांधली करने के बड़े आरोप दोहराए। इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां एकजुट होती दिख रही हैं। चुनावों में धांधली के खिलाफ 'इंडिया' ब्लॉक एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहा है। राहुल गांधी के नेतृत्व में 'इंडिया' ब्लॉक मार्च निकालकर चुनाव आयोग के कार्यालय तक पहुंचेंगे।