बालासोर: छात्रा के आत्मदाह के प्रयास में बड़ा कदम, प्रिंसिपल की गिरफ्तारी?

सारांश
Key Takeaways
- छात्रा का आत्मदाह प्रयास शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को दर्शाता है।
- प्रिंसिपल और सहायक प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
- ओडिशा सरकार ने जांच समिति का गठन किया है।
- छात्रों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता है।
बालासोर, १४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के बालासोर स्थित फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज की एक छात्रा ने आत्मदाह करने का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस ने एफएम कॉलेज के निलंबित प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष को गिरफ्तार कर लिया।
इस घटना के तुरंत बाद, ओडिशा उच्च शिक्षा विभाग ने दिलीप कुमार घोष और सहायक प्रोफेसर समीर साहू को तात्कालिक प्रभाव से निलंबित कर दिया था। पुलिस ने पहले समीर साहू और अब दिलीप कुमार घोष को हिरासत में लिया है। सहदेव खूंटी पुलिस स्टेशन में प्रिंसिपल से पूछताछ चल रही है। इस मामले में उनके खिलाफ औपचारिक शिकायत के बाद यह गिरफ्तारी हुई।
गौरतलब है कि हाल ही में छात्रा सौम्यश्री बिसी ने कॉलेज के गेट के सामने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली थी, जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई। वह इंटीग्रेटेड बीएड के सेकंड ईयर की छात्रा है। आत्मदाह करने से पहले, सौम्यश्री ने बीएड विभाग के प्रोफेसर समीर कुमार साहू के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कॉलेज कैंपस के पास धरना दिया था। शिकायत के बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह बेहद निराश हो गई और आत्मघाती कदम उठाने का निर्णय लिया।
इस मामले में ओडिशा सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। इस समिति में उच्च शिक्षा विभाग के चेयरपर्सन और निदेशक काली प्रसन्ना महापात्र, उच्च शिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव मौसमी नायक और भुवनेश्वर की प्रोफेसर (डॉ.) झुमकी रथ शामिल हैं।
जांच समिति यह निर्धारित करेगी कि छात्रा ने आत्मदाह का प्रयास क्यों किया, सहायक प्रोफेसर समीर कुमार साहू की संलिप्तता की जांच करेगी, और प्रिंसिपल तथा आंतरिक शिकायत समिति सहित कॉलेज प्रशासन की भूमिका का भी मूल्यांकन करेगी। साथ ही, व्यक्तियों या अधिकारियों द्वारा की गई किसी भी चूक या लापरवाही की पहचान करने का कार्य भी करेगी।