बालासोर: क्या पीड़िता के पिता ने कहा - न्याय के नाम पर सिर्फ झूठे वादे मिले?

सारांश
Key Takeaways
- न्याय की मांग
- कॉलेज प्रशासन की निष्क्रियता
- मानसिक स्वास्थ्य की महत्वपूर्णता
- सख्त कार्रवाई की आवश्यकता
- सामाजिक जिम्मेदारी
भुवनेश्वर, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के बालासोर में स्थित फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय की बी.एड. छात्रा के पिता बालाराम बिसी ने सरकार से दोषियों पर कठोर कदम उठाने की मांग की। पीड़िता के पिता ने कहा कि न्याय के नाम पर केवल झूठे वादे मिले। उन्होंने कॉलेज प्रशासन और पुलिस पर कार्रवाई में देरी का आरोप लगाया।
छात्रा ने कॉलेज प्रशासन के कथित उत्पीड़न और निष्क्रियता के कारण आत्मदाह का प्रयास किया था। वर्तमान में, छात्रा एम्स भुवनेश्वर में गंभीर स्थिति में उपचाराधीन है।
पिता ने रविवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि मेरी बेटी के साथ जो हुआ, वह अकल्पनीय है। अधिकारियों ने मुझे आश्वासन दिया था कि कार्रवाई होगी और न्याय मिलेगा, लेकिन मुझे केवल झूठे वादे मिले। मुझे उन पर भरोसा करने और चुप रहने के लिए कहा गया, लेकिन आज मेरी बेटी अस्पताल में बिस्तर पर पड़ी है और जीने के लिए संघर्ष कर रही है।
उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ने उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना के बारे में अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा कि बेटी ने व्यवस्था पर भरोसा किया, लेकिन वह टूट गई।
उन्होंने कॉलेज प्रशासन और पुलिस की देरी से कार्रवाई पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आरोपी प्रोफेसर का काम चलता रहा और बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया। मेरी बेटी को चुपचाप सहना पड़ा। घटना के बाद भी मामले को कमतर आंकने की कोशिश की गई। स्थिति इतनी भयानक थी कि मेरी बेटी को लगा कि आत्मदाह ही एकमात्र विकल्प है। सोचिए, कॉलेज प्रिंसिपल के कार्यालय के सामने ऐसा कदम उठाने के लिए उसकी मानसिक स्थिति कैसी रही होगी।
उन्होंने सभी आरोपियों और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यह केवल मेरी बेटी की कहानी नहीं है। अगर अभी न्याय नहीं मिला, तो अन्य बेटियों को भी यही सहना पड़ेगा। मैं सरकार से अपील करता हूं कि ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।
वहीं, छात्रा की मां सबिता ने कहा कि मैं चाहती हूं कि मेरी बच्ची जिंदा रहे। वह ठीक होकर हमारे पास वापस आए। उसने हमें बताया कि परीक्षा के बाद एक शिक्षक उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहा था। उसने औपचारिक शिकायत भी दर्ज कराई थी। पिछले 15 दिनों से वह बेहद तनाव में थी। उसने कॉलेज जाने से पहले हमें नहीं बताया कि वह किस स्थिति से गुजर रही है। मैं मांग करती हूं कि उसे इस स्थिति में लाने वाले व्यक्ति को सजा मिले।