क्या छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हड़ताली कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई हुई?
सारांश
Key Takeaways
- 13 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया।
- 3 पर एफआईआर दर्ज की गई है।
- प्रशासन ने किसानों के हित में कड़े कदम उठाए।
बलौदाबाजार, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में धान खरीदी को बाधित करने वाले सहकारी समिति के कर्मचारियों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। 13 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है, जबकि 3 पर प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
यह कार्रवाई अति आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (ईएसएमए) के तहत की गई है। सरकार ने धान खरीदी को अति आवश्यक सेवा घोषित किया है, इसलिए हड़ताल करने वालों पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि किसानों की मेहनत को बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा।
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 की धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू हुई। लेकिन सहकारी समिति के कई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, जिससे खरीदी केंद्रों पर काम रुकने का खतरा उत्पन्न हो गया। किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता था। इसलिए प्रशासन ने दो महत्वपूर्ण कदम उठाए। नए कर्मचारियों की तात्कालिक नियुक्ति की गई और आरएईओ, पटवारी और नए कंप्यूटर ऑपरेटर नियुक्त किए गए। साथ ही ईएसएमए के तहत सख्ती की गई। ड्यूटी छोड़ने वालों के खिलाफ बर्खास्तगी और प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
जिला खाद्य अधिकारी पुनीत वर्मा ने कहा, "किसान साल भर मेहनत करता है। उसकी फसल का समय पर खरीदना हमारी जिम्मेदारी है। हड़ताल करने वालों को नहीं बख्शा जाएगा।"
इस कार्रवाई के तहत 13 कर्मचारी प्रबंधक और विक्रेता बर्खास्त हुए हैं। ये लगातार ड्यूटी से अनुपस्थित थे और प्रशासन के आदेशों का पालन नहीं कर रहे थे।
सिमगा विकासखंड:
मंजुला शर्मा – प्रबंधक, सिमगा समिति
राकेश कुमार टंडन – प्रबंधक, खोखली समिति
मूलचंद वर्मा – प्रबंधक, धुर्राबांधा समिति
धर्मेंद्र साहू – प्रबंधक, रोहांसी समिति
रामकुमार साहू – प्रबंधक, तिल्दा समिति
कसडोल विकासखंड:
नंद कुमार पटेल – विक्रेता, गिरौद समिति
गोकुल प्रसाद साहू – विक्रेता, हसुआ समिति
ललित साहू – विक्रेता, थरगांव समिति
रामस्वरूप यादव – विक्रेता, कटगी समिति
खेलसिंग कैवर्त्य – विक्रेता, चिखली समिति
अमित साहू – विक्रेता, कोसमसरा समिति
भीम साहू – विक्रेता, सरखोर समिति
रविकमल – विक्रेता, लवन समिति
ये सभी बिना अनुमति ड्यूटी छोड़ चुके थे और धान खरीदी में बाधा उत्पन्न कर रहे थे।
तीन कर्मचारियों पर प्राथमिकी के लिए शाखा प्रबंधक को पत्र भेजा गया है। इनमें राजेंद्र चंद्राकर – प्रभारी प्रबंधक, कोनारी समिति (पलारी), बीरेंद्र साहू – कंप्यूटर ऑपरेटर, रोहरा समिति और टीका राम वर्मा – विक्रेता, रिसदा समिति शामिल हैं।
इन पर कई आरोप लगाए गए हैं, जिनमें जानबूझकर खरीदी में बाधा डालना, आदेश के बावजूद केंद्र पर न आना, किसानों को गलत जानकारी देना और प्रशासन के काम में रुकावट डालना शामिल है।