क्या छत्तीसगढ़ में 'धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना' के तहत जागरूकता अभियान चलाया गया?

सारांश
Key Takeaways
- धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना के तहत जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई।
- ग्रामवासियों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।
- सांसद भोजराज नाग ने आदिवासी समाज के उत्थान की बात की।
- अब तक 22 कैंप आयोजित किए जा चुके हैं।
- यह कार्यक्रम 15 जुलाई तक चलेगा।
बालोद, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गांव भंवरमरा में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना के अंतर्गत शनिवार को ग्रामवासियों के बीच जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्थानीय सांसद भोजराज नाग भी उपस्थित रहे। सांसद ने बिरसा मुंडा के नाम पर चलाए जा रहे इस अभियान को आदिवासी समाज की आवाज और स्वाभिमान की पहचान बताया।
सांसद भोजराज नाग ने बताया कि आज ग्राम भंवरमरा में धरती आबा उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत एक क्लस्टर में शिविर का आयोजन किया गया था। इस योजना के माध्यम से जनजाति और आदिवासी समाज के लोगों को सरकार की 26 योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा। अधिकारी सर्वेक्षण करके सभी ग्रामवासियों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाएंगे।
बालोद की जिलाधिकारी दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना केंद्र सरकार की योजना है। इसके तहत बालोद जिले के 186 गांवों को चयनित किया गया है, जहां जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों के माध्यम से ग्रामवासियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। हमने अब तक 22 कैंप आयोजित किए हैं, जिसमें लगभग 65,000 लोग भाग ले चुके हैं। 30 जून के बाद, नए निर्देशों के अनुसार हम इस कार्यक्रम को और गंभीरता से चलाएंगे और हर ग्रामवासी तक पहुंचेंगे। यह कार्यक्रम 15 जुलाई तक चलेगा।
ग्राम भंवरमरा की सरपंच निर्मला ठाकुर ने कहा कि यह जन जागरूकता कार्यक्रम है। गरीबी दूर करने के उद्देश्य से चलाई जा रही सरकारी योजनाओं के बारे में ग्रामवासियों को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना के माध्यम से जागरूक किया जाता है और उन्हें योजनाओं का लाभ भी दिया जाता है।
धरती आबा अभियान के तहत आयोजित शिविर में ग्रामीणों को आयुष्मान कार्ड, किसान सम्मान निधि, श्रम कार्ड, वनाधिकार पट्टा, किसान क्रेडिट कार्ड, स्वास्थ्य सेवाएं सहित कई योजनाओं का लाभ एक ही स्थान पर उपलब्ध कराया गया। सांसद भोजराज ने मौके पर गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की रस्म निभाई और किसानों के बीच बीज वितरण किया।