क्या शेख हसीना के इंटरव्यू ने बांग्लादेश में विवाद पैदा किया?
सारांश
Key Takeaways
- शेख हसीना का इंटरव्यू बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
- बांग्लादेश ने भारतीय राजदूत को तलब कर नाराजगी जताई।
- इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने सजा सुनाने की तारीख 17 नवंबर तय की है।
- बांग्लादेश की सरकार को हसीना के इंटरव्यू से बवाल की आशंका है।
ढाका, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के हालिया इंटरव्यू पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय मीडिया के साथ किए गए इस इंटरव्यू ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की नाराजगी को जन्म दिया है। इसके चलते, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ढाका में भारतीय उप उच्चायुक्त पवन बधे को तलब किया। रिपोर्टों के अनुसार, यह जानकारी बांग्लादेशी मीडिया ने दी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने औपचारिक रूप से नाराजगी जताते हुए भारतीय उप उच्चायुक्त को तलब किया।
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, राजनयिक सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारतीय राजनयिक को नई दिल्ली को बांग्लादेश के उस अनुरोध से अवगत कराने के लिए कहा गया था, जिसमें हसीना की मीडिया तक पहुंच को रोकने की बात की गई थी।
हाल ही में एएफपी, रॉयटर्स और द इंडिपेंडेंट (यूके) ने पूर्व पीएम शेख हसीना का इंटरव्यू लिया था।
बांग्लादेश में अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हुआ, जिससे देश में भारी हिंसा हुई। शेख हसीना को 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा। तब से वह भारत में रह रही हैं। उनके खिलाफ बांग्लादेश में कई गंभीर आरोप हैं।
हसीना ने हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय मीडिया के साथ भी इंटरव्यू दिए हैं। इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार की आलोचना की। बांग्लादेश सरकार का कहना है कि हसीना के हालिया इंटरव्यू से देश में बवाल मच सकता है।
शेख हसीना और दो अन्य के खिलाफ पिछले साल हुए विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के मामले में इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने सजा सुनाने की तारीख तय की है।
आईसीटी-1 ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ सजा सुनाने की तारीख 17 नवंबर निर्धारित की है। जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मजूमदार, जस्टिस मोहम्मद शफीउल आलम महमूद, और जस्टिस मोहम्मद मोहितुल हक इनाम चौधरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला किया।