क्या बांग्लादेश में सुशीला कार्की के पीएम बनने से 'नया सवेरा' देखने को मिलेगा?

सारांश
Key Takeaways
- सुशीला कार्की का प्रधानमंत्री बनना नई उम्मीदें लेकर आया है।
- युवाओं में भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुटता देखने को मिल रही है।
- बांग्लादेश में विकास की संभावनाएं बढ़ी हैं।
नई दिल्ली, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल में जेन जी के बड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद, बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हिंसक प्रदर्शनों के बाद, देश की जनता को नई प्रधानमंत्री से कई उम्मीदें हैं।
नेपाल के कई युवा, जिन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत की, ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अब देश से भ्रष्टाचार पूरी तरह समाप्त होगा। निश्चित रूप से, सुशीला कार्की अपने प्रधानमंत्री पद के कार्यकाल में देश को विकास के मार्ग पर ले जाने की पूरी कोशिश करेंगी।
दिपेंद्र थामा ने सुशीला कार्की को नेपाल के लिए एक बड़ी उम्मीद बताया। उनका कहना था कि यह बात नकारा नहीं जा सकता कि वे अन्य भ्रष्ट नेताओं से भिन्न और कई मामलों में बेहतर हैं।
हमें उम्मीद है कि वह देश को आगे बढ़ाने की दिशा में संकल्पित होकर काम करेंगी। हम सभी युवा अब नेपाल को आगे बढ़ाने के लिए मेहनत कर रहे हैं। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हम किसी भी प्रकार की कमी का सामना न करें। हम नेपाल को फिर से विकास की राह पर लाने का काम करेंगे, हमें पूरा विश्वास है।
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से, इस विरोध प्रदर्शन के कारण नेपाल के विकास की गति धीमी हुई है। स्थिति अव्यवस्थित हो गई है, लेकिन अगर हम सभी युवा एकजुट हो जाएं, तो हम अपने राष्ट्र को पुनः खड़ा कर सकेंगे।
जब उनसे पूछा गया कि जेन जी के विरोध प्रदर्शनों के बाद नेपाल में क्या परिवर्तन हो रहे हैं, तो दिपेंद्र थामा ने कहा कि देश में अब चौतरफा सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। भ्रष्ट नेताओं में डर है कि अगर वे गलत काम करने की कोशिश करेंगे, तो उन्हें युवाओं के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है।
एक अन्य युवा ने सुशीला कार्की की तारीफ की और उन्हें देश के लिए एक अच्छा नेता बताया। उनका कहना था कि उनके नेतृत्व में देश का विकास नई गति प्राप्त करेगा।
उन्होंने कहा कि नेपाल में विकास की कई संभावनाएं हैं, लेकिन यह अफसोस की बात है कि देश के युवा नशे और भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। यदि नेपाल के नेता भ्रष्टाचार में संलग्न नहीं होते, तो आज की स्थिति न होती।