क्या बीएपीएस मंदिर में 'महिला दिवस' महोत्सव ने नारी शक्ति का भव्य सम्मान किया?

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क्या बीएपीएस मंदिर में 'महिला दिवस' महोत्सव ने नारी शक्ति का भव्य सम्मान किया?

सारांश

बीएपीएस श्री स्वामिनारायण मंदिर में आयोजित 'महिला दिवस' महोत्सव में महिलाओं की शक्ति और योगदान को मान्यता दी गई। इस आयोजन ने न केवल आध्यात्मिकता को दर्शाया, बल्कि समाज में महिलाओं की अहमियत को भी उजागर किया। जानिए इस भव्य महोत्सव के बारे में।

Key Takeaways

  • महिला दिवस महोत्सव ने नारी शक्ति का सम्मान किया।
  • सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को जीवंत बनाया।
  • महिलाओं की भूमिका को पहचान मिली।
  • आध्यात्मिकता और सशक्तिकरण का संगम।
  • स्थानीय समुदाय का सक्रिय योगदान।

जोधपुर, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बीएपीएस श्री स्वामिनारायण मंदिर, कालीबेरी में चल रहे भव्य मूर्ति प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत 'महिला दिवस' का आयोजन श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। नवरात्रि के पावन अवसर पर यह दिवस मातृशक्ति के सम्मान और उनके योगदान को समर्पित रहा।

मंदिर निर्माण और प्रतिष्ठा महोत्सव में महिलाओं द्वारा प्रदर्शित निष्ठा, समर्पण तथा सेवा भावना को विशेष रूप से दिखाया गया। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक उत्सव का हिस्सा बना, बल्कि समाज में महिला सशक्तिकरण और संस्कारों की महत्ता को भी उजागर किया।

महोत्सव का शुभारंभ युवती मंडल द्वारा मंगलमय धुनों और प्रार्थना से हुआ। इसके बाद भव्य पालकी प्रवेश और दीप प्रज्वलन समारोह ने पूरे परिसर को भक्तिमय वातावरण से ओतप्रोत कर दिया। दिनभर चले कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, प्रेरणादायक प्रवचन, वीडियो प्रदर्शन और विशिष्ट अतिथियों के उद्बोधनों ने महिला शक्ति के अमूल्य योगदान को सामने लाया। कीर्तन आराधना, लोक संगीत और नृत्य प्रदर्शनों ने माहौल को अविस्मरणीय बना दिया।

बीएपीएस जोधपुर महिला मंडल की दुर्गाबेन सोलंकी ने 'मंदिर की महिमा' विषय पर सारगर्भित प्रवचन दिया। उन्होंने कहा कि संप्रदाय में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। बाल शिक्षा, पारिवारिक एकता और समाज उत्थान में मंदिर केंद्रीय भूमिका निभाता है। सोलंकी ने महिलाओं से धर्म, सेवा और मूल्यनिष्ठ जीवन की प्रेरणा लेने का आह्वान किया। प्रवचन में उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के दौरान महिलाओं ने न केवल आर्थिक सहयोग दिया, बल्कि भावनात्मक और शारीरिक रूप से भी पूर्ण समर्पण दिखाया।

यह आयोजन बीएपीएस की वैश्विक परंपरा का हिस्सा है, जहां महिला सशक्तिकरण को आध्यात्मिक दृष्टि से जोड़ा जाता है। जोधपुर का यह नया अक्षरधाम मंदिर, जो 25 सितंबर को महंत स्वामी महाराज के हाथों प्रतिष्ठित हुआ, राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करता है। पूरी संरचना जोधपुरी बलुआ पत्थर से बनी है, जिसमें नागर शैली की उत्कृष्ट नक्काशी है। आयोजन में स्थानीय विधायक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया, जिन्होंने महिला सशक्तिकरण को राज्य की प्रगति का आधार बताया।

Point of View

बल्कि समाज में महिलाओं की भूमिका को भी मजबूती दी। यह एक सकारात्मक पहल है, जो नारी शक्ति को प्रोत्साहित करने में मदद करेगी।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

महिला दिवस महोत्सव का उद्देश्य क्या था?
इस महोत्सव का उद्देश्य मातृशक्ति का सम्मान और उनके योगदान को मान्यता देना था।
इस महोत्सव में कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित हुए?
इस महोत्सव में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, प्रेरणादायक प्रवचन, और लोक संगीत का आयोजन किया गया।
महिला मंडल की भूमिका क्या थी?
महिला मंडल ने इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और प्रवचन के माध्यम से महिलाओं की महत्ता को उजागर किया।
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