क्या बरेली में कांवड़ यात्रियों पर मुस्लिमों ने एकता का मिसाल पेश किया?

सारांश
Key Takeaways
- हिंदू-मुस्लिम एकता का शानदार उदाहरण
- कांवड़ यात्रियों का स्वागत और सम्मान
- शांति और सद्भाव का वातावरण
- समुदायों का सहयोग
- सकारात्मक संदेश का प्रसारण
बरेली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सावन के आगमन के साथ ही उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा का आरंभ हो गया है। प्रदेश के संवेदनशील जिलों में से एक बरेली में पहले जत्थे की रवानगी के साथ कांवड़ यात्रा का उल्लास देखने को मिला। जिले में हिंदू-मुस्लिम एकता का एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया गया, जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कांवड़ यात्रियों पर फूलों की वर्षा की।
बरेली में उस स्थान पर जहां सावन माह, 2023 के दौरान विवाद हुआ था, इस बार हिंदू-मुस्लिम एकता का अनुपम उदाहरण देखने को मिला। दो साल पहले थाना बारादरी क्षेत्र के अंतर्गत शहानूरी मस्जिद के पास विवाद हुआ था, लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। सावन के पहले दिन जल लेने जा रहे कांवड़ यात्रियों का स्वागत करते हुए मुस्लिम समुदाय और स्थानीय लोगों ने उन पर पुष्प वर्षा की।
क्षेत्राधिकारी पंकज श्रीवास्तव ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "नवादा में शहानूरी मस्जिद के सामने से कांवड़ यात्रा निकलती है। पहली कांवड़ का जो जत्था हरिद्वार जाता है, उस पर स्थानीय लोगों ने पुष्पवर्षा की। लोगों ने फूल-मालाएं पहनाकर और गले मिलकर उनका स्वागत किया। कांवड़ यात्रा बेहद शांति और सद्भाव के साथ निकाली गई।"
स्थानीय मुस्लिम समाज के एक व्यक्ति ने कहा, "सभी लोगों के सहयोग से कांवड़ यात्रा निकाली गई है। हमने सभी कांवड़ यात्रियों का स्वागत किया। शांति और भाईचारे के साथ यह यात्रा निकाली जा रही है। किसी को भी कोई परेशानी नहीं हुई है। पहले जो दाग था, वह अब साफ हो गया है। सभी गलतफहमियां दूर हो चुकी हैं।"
अन्य स्थानीय लोगों ने बताया, "कांवड़ यात्रा में मुस्लिम समाज का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। पुष्प वर्षा की गई, कांवड़ियों पर माल्यार्पण किया गया। हिंदू-मुस्लिम एक ही प्लेटफॉर्म पर हैं, यहां किसी भी प्रकार का दहशत का माहौल नहीं है।"
कई लोगों ने मुस्लिम समाज के सदस्यों की सराहना की। मुस्लिम समुदाय के लोग कांवड़ियों के साथ-साथ मंदिर में भी गए।