क्या आरआरबी की संख्या 43 से घटाकर 28 करने से प्रबंधन और सेवा वितरण में सुधार होगा?: वित्त मंत्री

Click to start listening
क्या आरआरबी की संख्या 43 से घटाकर 28 करने से प्रबंधन और सेवा वितरण में सुधार होगा?: वित्त मंत्री

सारांश

क्या क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय प्रबंधन और सेवा वितरण में सुधार करेगा? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जानकारी दी। जानिए इस प्रक्रिया के पीछे के कारण और इसके संभावित लाभ।

Key Takeaways

  • आरआरबी की संख्या 43 से घटाकर 28 किया गया है।
  • विलय से प्रबंधन और सेवा वितरण में सहूलियत होगी।
  • नए तकनीकी प्लेटफार्मों में निवेश होगा।
  • वित्तीय स्थिरता और मजबूती में सुधार होगा।
  • सरकार ने निगरानी के लिए समितियों का गठन किया है।

नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बताया कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के विलय के परिणामस्वरूप एक राज्य-स्तरीय आरआरबी का गठन किया गया है, जिसका संचालन क्षेत्र समान है और इससे प्रबंधन तथा सेवा वितरण में सहूलियत होगी।

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री ने कहा कि 'वन स्टेट-वन आरआरबी' के सिद्धांत के अंतर्गत, सरकार ने चरण IV के समामेलन के माध्यम से आरआरबी के कंसोलिडेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है ताकि पैमाने की दक्षता और लागत में कमी प्राप्त की जा सके। इसके तहत 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में आरआरबी की संख्या 43 से घटाकर 28 (1 मई, 2025 से प्रभावी) की गई है।

वित्त मंत्री ने कहा, "आरआरबी ने अपना पूंजी आधार बढ़ाया है, जिससे विलय के फलस्वरूप बनी इकाई की वित्तीय स्थिरता और मजबूती में सुधार हुआ है। परिचालन को कंसोलिडेट कर और विभिन्न प्रशासनिक ढांचों के कारण होने वाली अतिरेकता को समाप्त करके विलय से लागत में बचत होने की उम्मीद है।"

इसके अतिरिक्त, विलय से बने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में नई प्रविधियों में निवेश किया जा सकेगा, जिससे परिचालन दक्षता और ग्राहक सेवा में सुधार होगा।

सरकार ने विलय कार्यक्रम के कार्यान्वयन की देखरेख के लिए राज्य-स्तरीय निगरानी समिति (एसएलएमसी) और राष्ट्रीय-स्तरीय परियोजना निगरानी इकाई (एनएलपीएमयू) का गठन किया है।

वित्त मंत्री ने अपने उत्तर में उल्लेख किया, "नाबार्ड ने राष्ट्रीय स्तर पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इस एसओपी में समन्वित नीतियों और परिचालन दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देने और दैनिक इंटीग्रेशन योजना को संभालने के लिए विलय परियोजना प्रबंधन इकाई (एपीएमयू), संचालन समिति और कार्यात्मक समितियों की स्थापना की सलाह दी गई है।"

नाबार्ड द्वारा 2021 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के विलय से उनके वित्तीय प्रदर्शन पर एक अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में पाया गया कि विलय प्रक्रिया के परिणामस्वरूप क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की व्यवहार्यता और वित्तीय प्रदर्शन में सुधार हुआ है।

अध्ययन से पता चला कि विलय के विभिन्न चरणों में लाभकारी और स्थायी रूप से व्यवहार्य क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की हिस्सेदारी में लगातार सुधार हुआ और कुल परिसंपत्तियों के प्रतिशत के रूप में संचित घाटे की मात्रा में भी कमी आई।

Point of View

बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा वितरण को भी सरल बनाएगा।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

आरआरबी का विलय क्यों किया गया?
आरआरबी का विलय 'वन स्टेट-वन आरआरबी' के सिद्धांत के तहत किया गया है ताकि प्रबंधन और सेवा वितरण को सरल बनाया जा सके।
विलय से क्या लाभ होगा?
विलय से वित्तीय स्थिरता, लागत में कमी और ग्राहक सेवा में सुधार होगा।
कब से यह नई संख्या लागू होगी?
यह नई संख्या 1 मई, 2025 से प्रभावी होगी।