क्या बीसीसीआई को आईपीएल की कोच्चि फ्रेंचाइजी मामले में 538 करोड़ रुपए चुकाने का आदेश मिला?

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क्या बीसीसीआई को आईपीएल की कोच्चि फ्रेंचाइजी मामले में 538 करोड़ रुपए चुकाने का आदेश मिला?

सारांश

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीसीसीआई के खिलाफ कोच्चि टस्कर्स केरला को 538 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश बरकरार रखा है। यह मामला एक दशक से अधिक पुराना है, जिसमें बीसीसीआई ने इस फैसले को चुनौती दी थी। जानें पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • बीसीसीआई को 538 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ेगा।
  • बॉम्बे हाई कोर्ट ने मध्यस्थता के आदेश को बरकरार रखा है।
  • यह मामला एक दशक पुराना है, जिसमें कई विवाद शामिल हैं।
  • कोच्चि टस्कर्स ने 2011 में आईपीएल में भाग लिया था।
  • फ्रेंचाइजी का अनुबंध 2011 में समाप्त कर दिया गया था।

मुंबई, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को एक बड़ा झटका देते हुए, बॉम्बे हाई कोर्ट ने बंद हो चुकी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी कोच्चि टस्कर्स केरला को 538 करोड़ रुपए के भुगतान को लेकर मध्यस्थता आदेश को बरकरार रखा है।

न्यायालय ने एक दशक से अधिक समय से चल रहे इस विवाद में बीसीसीआई द्वारा मध्यस्थता के फैसले को चुनौती देने वाले मुकदमे को खारिज कर दिया। हालांकि, बीसीसीआई के अधिकारियों ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया है।

बीसीसीआई ने 2011 में एक सत्र के बाद कोच्चि फ्रेंचाइजी को समाप्त कर दिया था, जब टीम पर समय पर बैंक गारंटी जमा नहीं करने का आरोप लगाया गया था, जो कि अनुबंध के अनुसार आवश्यक था। मालिकों के बीच मतभेद के कारण, फ्रेंचाइजी बीसीसीआई को अपना भुगतान नहीं कर सकी।

यह मामला मध्यस्थता के लिए गया और 2015 में मध्यस्थता अदालत ने बीसीसीआई को 538 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया - जिसमें केसीपीएल को 384 करोड़ रुपए और रेंडेज़वस स्पोर्ट (कोच्चि फ्रेंचाइजी के मालिक) को 153 करोड़ रुपए शामिल हैं।

बीसीसीआई इस निर्णय से नाखुश था और उसने उच्च न्यायालय में मध्यस्थता अदालत के फैसले को चुनौती देने का निर्णय लिया। बुधवार को न्यायालय ने मध्यस्थ के निर्णय को बरकरार रखा।

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा, "मध्यस्थता अधिनियम की धारा 34 के तहत इस न्यायालय का अधिकार क्षेत्र बहुत सीमित है। विवाद के गुण-दोषों की जांच करने का बीसीसीआई का प्रयास अधिनियम की धारा 34 में निहित आधारों के दायरे के विपरीत है।"

फ्रेंचाइजी को 2010 में 1,550 करोड़ रुपए में खरीदा गया था लेकिन वार्षिक भुगतान में चूक के कारण बीसीसीआई ने 2011 में उसका अनुबंध समाप्त कर दिया। इस फ्रेंचाइजी ने बीसीसीआई के खिलाफ मामला जीत लिया और न्यायालय ने बोर्ड को 550 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया।

कोच्चि टस्कर्स केरला ने 2011 में आईपीएल के एक सत्र में भाग लिया और 10 टीमों में आठवें स्थान पर रही।

Point of View

बल्कि यह अन्य फ्रेंचाइजी के लिए भी एक चेतावनी है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी पक्षों को अनुबंधों का पालन करना चाहिए।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

बीसीसीआई को 538 करोड़ रुपए का भुगतान क्यों करना है?
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कोच्चि टस्कर्स केरला को भुगतान का आदेश दिया है क्योंकि बीसीसीआई ने अनुबंध का उल्लंघन किया था।
यह मामला कब से चल रहा है?
यह मामला एक दशक से अधिक समय से चल रहा है, जिसमें बीसीसीआई ने मध्यस्थता के फैसले को चुनौती दी थी।
कोच्चि टस्कर्स केरला ने कब आईपीएल में भाग लिया था?
कोच्चि टस्कर्स केरला ने 2011 में आईपीएल के एक सत्र में भाग लिया था।