ब्यूटी स्लीप क्यों है आवश्यक? आयुर्वेद से जानें अद्भुत लाभ

सारांश
Key Takeaways
- गहरी नींद त्वचा की खूबसूरती के लिए आवश्यक है।
- नींद से कोलेजन का उत्पादन बढ़ता है।
- सोने से पहले गुनगुना दूध पीना फायदेमंद है।
- तनाव हार्मोन को कम करने में नींद मदद करती है।
- कमरे का माहौल नींद को बेहतर बनाता है।
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आज की व्यस्त जीवनशैली में लोग दिनभर मेहनत तो करते हैं, लेकिन रात को गहरी नींद लेना भूल जाते हैं। देर रात तक मोबाइल का प्रयोग, काम का तनाव और अनियमित दिनचर्या ये सभी नींद को छीन लेते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि सुबह चेहरा थका हुआ नजर आता है, आंखों के नीचे काले घेरे, झुर्रियां और बेजान त्वचा दिखाई देती है।
आयुर्वेद में कहा गया है कि 'निद्रा बलं, पुष्टिं, ज्ञानं, सुखं च ददाति।' अर्थात अच्छी नींद शरीर को ताकत, पोषण, ज्ञान और आनंद देती है।
जब हम रात में सोते हैं, तब हमारा शरीर खुद की मरम्मत करता है। नई त्वचा की कोशिकाएं बनती हैं, कोलेजन तैयार होता है और पुरानी कोशिकाएं हट जाती हैं। यही कारण है कि अच्छी नींद को ब्यूटी स्लीप कहा जाता है। यदि नींद पूरी नहीं होती, तो यही प्रक्रिया रुक जाती है और चेहरे पर झुर्रियां, सुस्ती और उम्र बढ़ने के लक्षण जल्दी दिखाई देने लगते हैं।
नींद के कई फायदे हैं। सबसे पहले, यह कोलेजन का उत्पादन बढ़ाती है, जिससे त्वचा टाइट और झुर्रियों से मुक्त रहती है। नींद से त्वचा में नमी बनी रहती है, जबकि नींद की कमी से चेहरा ड्राई दिखाई देने लगता है। सोते समय ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है, जिससे त्वचा तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचते हैं और चेहरा सुबह ताजा दिखाई देता है। अच्छी नींद तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) को कम करती है, जिससे त्वचा की लोच बनी रहती है।
वयस्कों को रोज कम से कम 7-8 घंटे, किशोरों को 8-10 घंटे और बच्चों को 10-12 घंटे की नींद आवश्यक है। लेकिन, केवल नींद की मात्रा नहीं, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद के अनुसार, रात 10 बजे से पहले सो जाना चाहिए क्योंकि उस समय कफ काल होता है, जो नींद लाने में सहायक होता है। सोने से पहले गुनगुना दूध या त्रिफला लेने से मन शांत होता है। कमरे में हल्की रोशनी, शांत माहौल और संतुलित तापमान भी नींद को बेहतर बनाते हैं।
कुछ घरेलू नुस्खे भी बहुत प्रभावी हैं, जैसे रात को गर्म दूध में हल्दी या जायफल पाउडर मिलाकर पीना, पैरों पर सरसों का तेल लगाना, और सोने से पहले ध्यान या गहरी सांसें लेना। मोबाइल और कैफीन से दूर रहना भी उतना ही आवश्यक है।