क्या बेलदौर में जेडीयू की मजबूत पकड़ विपक्ष के लिए चुनौती बनेगी?

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क्या बेलदौर में जेडीयू की मजबूत पकड़ विपक्ष के लिए चुनौती बनेगी?

सारांश

बेलदौर विधानसभा क्षेत्र ने लगातार जेडीयू को समर्थन दिया है। चुनावी आंकड़े बताते हैं कि यहाँ की राजनीतिक स्थिति और स्थानीय मुद्दों के कारण 2025 के चुनाव में महागठबंधन को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। जानें इस महत्वपूर्ण क्षेत्र की राजनीतिक स्थिति के बारे में।

Key Takeaways

  • बेलदौर ने जेडीयू को लगातार समर्थन दिया है।
  • स्थानीय मुद्दे और चुनावी रणनीतियाँ महत्वपूर्ण हैं।
  • 2024 के चुनाव में लोजपा का प्रभाव जेडीयू पर पड़ सकता है।
  • बेलदौर की कुल आबादी 5,46,574 है।
  • एनडीए की एकजुटता 2025 के चुनाव में महत्वपूर्ण होगी।

खगड़िया, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के खगड़िया जिले का बेलदौर विधानसभा क्षेत्र, गंगा और कोसी नदियों के मैदानों में स्थित है, जो अपनी सपाट भौगोलिक और राजनीतिक विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। 2008 में परिसीमन के बाद से इस क्षेत्र ने तीन विधानसभा चुनावों (2010, 2015, और 2020) में जनता दल (यूनाइटेड) को लगातार समर्थन दिया है।

बेलदौर, चौथम, और गोगरी ब्लॉक की 10 ग्राम पंचायतों का गठन करता है और यह खगड़िया लोकसभा का हिस्सा है। इसका प्रमुख आर्थिक केंद्र गोड़गाई जमालपुर है, जो बेलदौर से 25 किमी दूर है। जिला मुख्यालय खगड़िया 50 किमी, बेगूसराय 70 किमी, सहरसा 55 किमी, भागलपुर 85 किमी और पटना 180 किमी की दूरी पर स्थित है।

कोसी नदी इस क्षेत्र की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को काफी प्रभावित करती है। बेलदौर सामान्य निर्वाचन क्षेत्र है और गैर-आरक्षित है। 2008 से अब तक जदयू ने यहाँ अपनी पकड़ बनाए रखी है, जिसमें पन्ना लाल सिंह पटेल का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। पटेल 2000 में चौथम से और 2010, 2015, और 2020 में बेलदौर से विधायक चुने गए। हालांकि, उनकी जीत का अंतर घटता गया। उन्होंने 2010 में 15,738, 2015 में 13,525, और 2020 में 5,108 मतों के अंतर से जीत हासिल की।

2020 में कम अंतर के लिए कुछ लोग लोक जनशक्ति पार्टी को जिम्मेदार मानते हैं, जिसने जेडीयू के वोट बैंक को प्रभावित किया। लेकिन, लोजपा पहले भी 2010 और 2015 में दूसरा स्थान हासिल कर चुकी थी। अब चिराग पासवान की लोजपा (आर) एनडीए का हिस्सा है, जिससे जेडीयू को राहत मिली है। 2024 के लोकसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) ने खगड़िया सीट जीती, जिसमें बेलदौर में 47,288 वोटों की बढ़त मिली।

चुनाव आयोग के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, बेलदौर विधानसभा की कुल आबादी 5,46,574 है, जिसमें 2,82,397 पुरुष और 2,64,177 महिलाएं हैं। कुल मतदाता 3,20,807 हैं, जिनमें 1,68,438 पुरुष, 1,52,358 महिलाएं, और 11 थर्ड जेंडर शामिल हैं। यहाँ पर 2010 में 56.61 प्रतिशत, 2015 में 59.29 प्रतिशत, और 2020 में 57.76 प्रतिशत मतदान हुआ।

2025 के चुनाव में एनडीए की एकजुटता स्पष्ट नजर आ रही है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन को बेलदौर में जीत के लिए बड़ा उलटफेर करना होगा। स्थानीय मुद्दों, जैसे बाढ़ और कृषि, के साथ-साथ विपक्ष की रणनीति इस चुनाव को रोचक बना सकती है।

Point of View

लेकिन विपक्ष के लिए यहाँ की समस्याएँ और स्थानीय मुद्दे एक स्थायी रणनीति में बदल सकते हैं। महागठबंधन को अपने कार्यों में सुधार लाने की आवश्यकता है, ताकि वे जेडीयू को चुनौती दे सकें।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

बेलदौर में जेडीयू की ताकत का क्या कारण है?
बेलदौर में जेडीयू की ताकत का मुख्य कारण यहाँ के स्थानीय नेताओं का सक्रिय योगदान और जनहित के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना है।
क्या लोक जनशक्ति पार्टी का असर बेलदौर में है?
जी हाँ, लोक जनशक्ति पार्टी पहले भी बेलदौर में दूसरा स्थान हासिल कर चुकी है और इसका असर जेडीयू के वोट बैंक पर पड़ता है।