क्या बेंगलुरु की सड़कों पर महिलाओं की गुप्त रिकॉर्डिंग का मामला सामने आया?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं की सहमति के बिना वीडियो बनाना गंभीर अपराध है।
- सोशल मीडिया पर अपलोड की गई सामग्री पर कड़ी निगरानी होनी चाहिए।
- पुलिस को ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
- महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए समाज को जागरूक होना चाहिए।
- गुप्त रिकॉर्डिंग के मामलों में दंडात्मक कार्रवाई आवश्यक है।
बेंगलुरु, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। शहर के चर्चित सार्वजनिक स्थलों जैसे चर्च स्ट्रीट पर महिलाओं की बिना सहमति के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे थे।
इस घटना का खुलासा तब हुआ जब एक युवती ने पीड़िता होते हुए अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पूरी बात साझा की।
युवती ने बताया कि एक इंस्टाग्राम पेज जो खुद को 'स्ट्रीट सीन' के रूप में प्रस्तुत करता है, वह लगातार ऐसी महिलाओं के वीडियो साझा कर रहा है जो सड़क पर सामान्य गतिविधियों में शामिल थीं। ये वीडियो उनकी सहमति के बिना बनाए गए थे और उनमें महिलाओं के शरीर के हिस्सों को जूम करके दिखाया गया था।
पीड़िता ने कहा कि जैसे ही उसका वीडियो उस पेज पर डाला गया, उसे सोशल मीडिया पर अश्लील और आपत्तिजनक संदेश मिलने लगे। उसने स्पष्ट किया कि किसी का इंस्टाग्राम प्रोफाइल सार्वजनिक होना या किसी महिला का सार्वजनिक स्थान पर होना, उसे फिल्माने की सहमति नहीं माना जा सकता।
इस मामले को बेंगलुरु साउथ पुलिस ने गंभीरता से लिया और स्वतः संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया। पुलिस ने बसवेश्वरनगर थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की और अब आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस मामले में बेंगलुरु साउथ के डीसीपी लोकेश जगलसर ने पुष्टि की कि एक व्यक्ति जो महिलाओं के गुप्त रूप से फिल्माए गए वीडियो और तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पोस्ट करता था, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके खिलाफ स्वतः संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी।
डीसीपी ने अपील की है कि उस इंस्टाग्राम पेज का नाम न उजागर किया जाए, क्योंकि वह पेज अभी सक्रिय है और हटाए जाने की प्रक्रिया में है। यदि पेज का नाम सार्वजनिक किया गया, तो इससे लोग उस पर जाकर आपत्तिजनक सामग्री डाउनलोड कर सकते हैं, जिससे मामला बिगड़ सकता है।