क्या बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में मरीजों की जान बचाई जा सकी?

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क्या बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में मरीजों की जान बचाई जा सकी?

सारांश

बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में मंगलवार को आग लगने की घटना से हड़कंप मच गया। 26 मरीजों को सुरक्षित स्थानांतरित करने की प्रक्रिया ने अस्पताल के स्टाफ की तत्परता को दर्शाया। क्या यह घटना भविष्य में सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाती है?

Key Takeaways

  • अस्पतालों में सुरक्षा उपायों का महत्व
  • तत्काल प्रतिक्रिया से मरीजों की जान बचाई जा सकती है
  • शॉर्ट सर्किट जैसी समस्याओं के प्रति जागरूकता
  • बचाव कार्य में कर्मचारियों की भूमिका
  • भविष्य में सुरक्षा मानकों में सुधार की आवश्यकता

बेंगलुरु, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बेंगलुरु के सरकारी विक्टोरिया अस्पताल में मंगलवार को एक गंभीर आग लगने की घटना हुई। जानकारी के अनुसार, अस्पताल के बर्न वार्ड में अचानक आग भड़क उठी, जिसके परिणामस्वरूप सभी 26 मरीजों को सुरक्षित रूप से दूसरे ब्लॉक में स्थानांतरित किया गया।

पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, मंगलवार तड़के लगभग 3 बजे स्विचबोर्ड में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी। इस घटना में एक बिस्तर, रजिस्टर बुक और अन्य उपकरण जलकर खाक हो गए।

आग और धुएं ने बर्न वार्ड के ग्राउंड फ्लोर को पूरी तरह से प्रभावित किया। रात की ड्यूटी पर तैनात डॉ. दिव्या ने सबसे पहले आग और धुएं को देखा और तुरंत अधिकारियों को सूचित किया। इसके बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने सभी 26 मरीजों को एच ब्लॉक के दूसरे वार्ड में सुरक्षित पहुँचाया।

अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि घटना के समय बर्न वार्ड में 14 पुरुष, 5 महिलाएं और 7 बच्चे भर्ती थे।

पुलिस ने कहा कि डॉ. दिव्या ने सुबह लगभग 3.30 बजे अस्पताल के सेमिनार हॉल में आग और धुआं देखा। उन्होंने तुरंत अपने सहयोगियों को सूचित किया और मरीजों को निकालने की प्रक्रिया शुरू की।

उन्होंने अस्पताल के अधीक्षक को फोन किया और पुलिस तथा फायर कंट्रोल रूम को भी सूचना दी। 30 मिनट के भीतर सभी मरीजों को सुरक्षित स्थानांतरित कर दिया गया, जिनमें आईसीयू में भर्ती मरीज भी शामिल थे। फायर और इमरजेंसी सर्विसेज की टीम ने घटनास्थल पर पहुँचकर आग पर काबू पाया।

इससे पहले, 19 फरवरी, 2024 को बेंगलुरु के पास एक परफ्यूम गोदाम में भीषण आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। यह घटना बेंगलुरु के पश्चिमी बाहरी इलाके रामसमुद्र में गोदाम में हुई थी।

20 मार्च, 2024 को बेंगलुरु के जे.पी. नगर में एक परिवार के तीन लोगों की आग लगने से मौत हो गई थी, जिसमें एक मां और उसके दो बेटे शामिल थे।

इसके अलावा, 1 मई को बेंगलुरु में गैस सिलेंडर लीक होने से आग लगने की घटना में एक व्यक्ति और उसके पड़ोसी की मौत हो गई थी और तीन अन्य घायल हो गए थे।

मदनायकनहल्ली पुलिस ने एलपीजी सिलेंडर लीक होने के आरोप में एक पीड़ित के 18 वर्षीय बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

Point of View

मैं यह मानता हूं कि इस तरह की घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या हमारे चिकित्सा संस्थान पर्याप्त सुरक्षा उपायों का पालन कर रहे हैं। हमें इन घटनाओं से सीखते हुए भविष्य में बेहतर सुरक्षा मानकों की आवश्यकता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

आग लगने का कारण क्या था?
आग का कारण स्विचबोर्ड में शॉर्ट सर्किट बताया गया है।
कितने मरीजों को सुरक्षित निकाला गया?
कुल 26 मरीजों को सुरक्षित स्थानांतरित किया गया।
क्या आग लगने से कोई घायल हुआ?
इस घटना में कोई गंभीर घायल नहीं हुआ है, सभी मरीज सुरक्षित हैं।