क्या बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ: सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए राजौरी में छात्राओं का आत्मविश्वास बढ़ा?
सारांश
Key Takeaways
- लड़कियों को सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए प्रेरित किया गया।
- आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए विशेष मार्गदर्शन दिया गया।
- जिला प्रशासन की सक्रिय भागीदारी।
- ‘सुपर-30’ पहल के माध्यम से प्रशिक्षण।
- समाज में सकारात्मक बदलाव का संचार।
राजौरी, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सीमावर्ती जिले राजौरी में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पहल के तहत लड़कियों को उच्च शिक्षा और सिविल सर्विसेज की ओर प्रेरित करने के लिए एक विशेष प्रेरक बातचीत कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में आईएएस अधिकारी सीरत बाजी ने छात्राओं से संवाद किया और उन्हें लक्ष्य निर्धारण, तैयारी रणनीति और आत्मविश्वास बढ़ाने के तरीकों पर मार्गदर्शन दिया।
सीरत बाजी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यह कार्यक्रम राजौरी जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें समाज कल्याण विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने ‘सुपर-30’ पहल की शुरुआत की है, जिसके माध्यम से विशेष रूप से लड़कियों को सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसी अभियान के तहत यह प्रेरक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के अंतर्गत सरकार कई योजनाएं चला रही हैं, जिनका लाभ राजौरी की बच्चियों तक पहुंच रहा है। जिला प्रशासन भी इन योजनाओं को जमीन पर उतारने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी अब्दुल रहीम ने कहा कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से प्रेरणादायक बातचीत के लिए तैयार किया गया था। अलग-अलग स्कूलों और कॉलेजों की लड़कियों ने इसमें उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, “इस कार्यक्रम ने छात्राओं को सीखने, जुड़ने और मोटिवेट होने का अवसर दिया। इसका उद्देश्य उन्हें आगे की पढ़ाई, प्रतियोगी परीक्षाओं और जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार करना था। सभी प्रतिभागियों ने इसे बेहद पसंद किया।”
कार्यक्रम में शामिल छात्राओं ने भी अपने अनुभव साझा किए। एक छात्रा ने बताया, “हमारा अनुभव बहुत अच्छा रहा। हमारे कई सवाल थे, और मैडम ने सभी का जवाब दिया। ऐसे सवालों का जवाब केवल एक सिविल सर्वेंट ही दे सकता है, जो अपने अनुभव से सीखता है। हमें इससे सकारात्मक ऊर्जा मिली है।”
एक अन्य छात्रा ने कहा कि वह पहले एचएम की छात्रा रही हैं और दो साल कोचिंग भी कर चुकी हैं, फिर भी मन में कई दुविधाएं थीं। मैडम की स्पीच और उनके अनुभव सुनकर मेरे मन की अनेक शंकाओं का समाधान हुआ। इससे मुझे नई प्रेरणा मिली है और अब मुझे लगता है कि मैं और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकती हूं।