क्या भारतीय नौसेना का स्वदेशी जहाज ‘इक्षक’ समुद्र में आत्मनिर्भरता का गौरवशाली प्रतीक है?

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क्या भारतीय नौसेना का स्वदेशी जहाज ‘इक्षक’ समुद्र में आत्मनिर्भरता का गौरवशाली प्रतीक है?

सारांश

भारतीय नौसेना का नया पोत 'इक्षक' 6 नवंबर को कमीशन होगा, जो स्वदेशी निर्माण और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है और समुद्री सुरक्षा को सुदृढ़ करने में मदद करेगा।

Key Takeaways

  • इक्षक भारतीय नौसेना का नया स्वदेशी पोत है।
  • यह अभियान आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • इक्षक समुद्री सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा।
  • इसका जलावतरण 6 नवंबर को होगा।

नई दिल्ली, ५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस) भारतीय नौसेना में एक नई उत्कृष्टता का अध्याय शुरू होने वाला है। यह नई शुरुआत नौसेना के अत्याधुनिक जहाज ‘इक्षक’ की कमीशनिंग के साथ होगी। स्वदेशी सर्वेक्षण पोत 'इक्षक' ६ नवंबर को नौसेना में शामिल किया जाएगा।

इस विशेष अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे और इस जहाज को औपचारिक रूप से नौसेना की सेवा में शामिल करेंगे। यह पोत कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 'इक्षक' भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता और स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इस पोत में ८० प्रतिशत से अधिक स्वदेशी उपकरणों और सामग्री का उपयोग किया गया है।

यह आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता के साथ-साथ जीआरएसई और देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के बीच सहयोग और तकनीकी सामंजस्य को भी दर्शाता है। इस कमीशनिंग के माध्यम से भारतीय नौसेना अपने जल सर्वेक्षण क्षमताओं को सशक्त बनाने जा रही है। 'इक्षक' का जलावतरण ६ नवंबर को कोच्चि के नौसेना बेस में एक भव्य समारोह में किया जाएगा।

गौरतलब है कि 'इक्षक' का अर्थ संस्कृत में 'मार्गदर्शक' है। यह शीर्षक इस पोत की भूमिका को सटीकता, उद्देश्य और मार्गदर्शन के प्रतीक के रूप में दर्शाता है। यह पोत बंदरगाहों, तटों और नौवहन चैनलों में व्यापक तटीय और गहरे समुद्री सर्वेक्षण करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। इन सर्वेक्षणों से प्राप्त डेटा न केवल समुद्र में सुरक्षित नौवहन को सुनिश्चित करेगा, बल्कि भारत की समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक अवसंरचना को भी मजबूती प्रदान करेगा।

रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में जानकारी दी है कि यह जहाज उच्च-रिजॉल्यूशन मल्टी-बीम इको साउंडर, ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (एयूवी), रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (आरओवी) और चार सर्वे मोटर बोट (एसएमबी) जैसे अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक और समुद्र विज्ञान उपकरणों से सुसज्जित है। नौसैनिक जहाज 'इक्षक' भारतीय नौसेना के हाइड्रोग्राफिक बेड़े में अभूतपूर्व बहुमुखी प्रतिभा और तकनीकी क्षमता को जोड़ता है।

जहाज में स्थापित हेलीकॉप्टर डेक इसकी परिचालन सीमा को और बढ़ाता है। इससे यह विभिन्न समुद्री अभियानों और बहु-उद्देशीय गतिविधियों को प्रभावी रूप से अंजाम देने में सक्षम है। 'इक्षक' का जलावतरण भारतीय नौसेना के सर्वेक्षण और नौवहन मानचित्रण अवसंरचना को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।

पोत 'इक्षक' स्वदेशी कौशल, तकनीकी उत्कृष्टता और समुद्री नेतृत्व का प्रतीक है, जो राष्ट्र की सेवा के लिए तत्पर है। यह अज्ञात समुद्री क्षेत्रों का अन्वेषण करने और भारत की व्यापक समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने मिशन के साथ अपनी सेवाएं देगा।

Point of View

जो आत्मनिर्भरता और स्वदेशी तकनीकी कौशल को दर्शाता है। यह न केवल हमारे समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि देश के विकास में भी योगदान देगा।
NationPress
05/11/2025

Frequently Asked Questions

पोत इक्षक किसके द्वारा निर्मित किया गया है?
यह पोत कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) द्वारा निर्मित किया गया है।
इक्षक का जलावतरण कब होगा?
इक्षक का जलावतरण 6 नवंबर को कोच्चि के नौसेना बेस में होगा।
इस पोत में कितने प्रतिशत स्वदेशी उपकरणों का उपयोग किया गया है?
इस पोत में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी उपकरणों और सामग्री का उपयोग किया गया है।
इक्षक का अर्थ क्या है?
इक्षक का अर्थ संस्कृत में 'मार्गदर्शक' है।
इस जहाज में कौन-कौन से उपकरण शामिल हैं?
इस जहाज में उच्च-रिजॉल्यूशन मल्टी-बीम इको साउंडर, ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (एयूवी), और रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (आरओवी) शामिल हैं।