क्या भागलपुर में झारखंड मंत्री संजय यादव के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- संजय यादव पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगा है।
- Bihar में राजनीतिक विवाद बढ़ रहा है।
- मामला 2025 के विधानसभा चुनाव से संबंधित है।
- पहले भी संजय यादव पर ऐसे आरोप लग चुके हैं।
- कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
भागलपुर, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी के बीच भागलपुर में एक गंभीर राजनीतिक विवाद सामने आया है। झारखंड सरकार के मंत्री संजय प्रसाद यादव पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
फिक्स्ड सर्विलांस टीम (एफएसटी) के दंडाधिकारी अमरेश कुमार चौधरी ने बरारी थाने में एक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि 20 अक्टूबर को मुक्तेश्वर कॉलोनी में एक निजी आवास पर मंत्री यादव अपने समर्थकों के साथ चुनावी रणनीति बना रहे थे।
शिकायत में उल्लेख किया गया है कि सोमवार को दोपहर 3:20 बजे बरारी थानाध्यक्ष ने एफएसटी दंडाधिकारी को सूचित किया कि मुक्तेश्वर कॉलोनी के एक निजी मकान पर मंत्री संजय यादव, उप-महापौर और उनके समर्थक मौजूद थे। चौधरी ने शाम 4 बजे मौके पर पहुंच कर जांच की, लेकिन तब तक मंत्री और अन्य नेता वहां से जा चुके थे। थानाध्यक्ष ने व्हाट्सएप पर एक वीडियो क्लिप भेजी, जिसमें मोहम्मद सलाहुद्दीन से पूछताछ की गई। सलाहुद्दीन ने कहा कि उन्होंने कोई शिकायत नहीं की और न ही नामांकन करने जा रहे हैं।
निजी आवास के मालिक जनार्दन प्रसाद यादव ने दंडाधिकारी को बताया कि सभी नेता उनके परिचित हैं और व्यक्तिगत रूप से मिलने आए थे। हालांकि, उपलब्ध फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी से स्पष्ट है कि मकान के बाहर बड़ी संख्या में समर्थक और हथियारों के साथ बॉडीगार्ड मौजूद थे। दंडाधिकारी ने इसे एमसीसी का स्पष्ट उल्लंघन मानते हुए थानाध्यक्ष को कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की और फोटो-वीडियो सबूत संलग्न किए।
झारखंड के श्रम एवं कौशल विकास मंत्री संजय प्रसाद यादव, जो राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधायक हैं, पर यह पहला आरोप नहीं है। 2014 विधानसभा चुनाव में गोड्डा जिले के पथरगामा थाने में भी आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था, जिसमें वे हाल ही में (जुलाई 2025) साक्ष्य के अभाव में बरी हो चुके हैं। दुमका कोर्ट में उनकी कई बार पेशी हो चुकी है।